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महाराष्ट्र: नांदेड़ में लिंगायत समाज के साधु की हत्या, शव ले जाने की फिराक में था हमलावर

पशुपति महाराज की हत्या करने के बाद आरोपी साईनाथ साधु की लाश कार में रखकर बाहर निकलने की फिराक में था. लेकिन कार गेट में फंस गई. इस दौरान छत पर सो रहे आश्रम के दो सेवादार जाग गए.

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साधु की हत्या क्यों?
साधु की हत्या क्यों?

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  • पशुपति महाराज नाम के साधु की हत्या
  • हत्यारोपी भी लिंगायत समाज से है

महाराष्ट्र के नांदेड़ जिले में लिंगायत समाज के साधु की हत्या करने का मामला सामने आया है. हत्या करने का आरोप भी उसी समाज के एक शख्स पर लगा है. शनिवार रात 12 से 12.30 के बीच पशुपति महाराज नाम के एक साधु की हत्या कर दी गई. पशुपति महाराज के अलावा एक और शख्स की हत्या की गई है. जिसका नाम भगवान राम शिंदे बताया गया है. हालांकि इस शख्स की पहचान हत्यारोपी साईनाथ के साथी के रूप में हुई है. नांदेड़ की पुलिस ने हत्यारोपी साईनाथ को रविवार दोपहर तेलंगना से पकड़ा है, फिलहाल उसे हिरासत में लिया गया है.

कैसे हुई हत्या?

हत्यारोपी साईनाथ शनिवार रात दरवाजा खोलकर आश्रम में दाखिल हुआ. क्योंकि कहीं भी दरवाजा तोड़ने के निशान नहीं हैं. दरवाजा अंदर से खुला है, यह कैसे खुला फिलहाल इस बारे में जानकारी नहीं है. पशुपति महाराज की हत्या करने के बाद आरोपी साईनाथ साधु की लाश कार में रखकर बाहर निकलने की फिराक में था. लेकिन कार गेट में फंस गई. इस दौरान छत पर सो रहे आश्रम के दो सेवादार जाग गए. उन्हें जब तक सारी बात समझ में आती आरोपी भागने लगा. जिसके बाद सेवादारों ने आरोपी का पीछा किया. लेकिन वह भाग निकला.

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सुबह एक और मृत शरीर मिला

रविवार सुबह जिला परिषद स्कूल के पास एक और डेड बॉडी मिली. मृतक की पहचान भगवान राम शिंदे के तौर पर हुई है. पुलिस के मुताबिक मृत शख्स, आरोपी साईनाथ का साथी है. भगवान राम शिंदे भी लिंगायत समाज से है. उसकी हत्या साईनाथ ने की या किसी और ने, पशुपति महाराज की हत्या से पहले या बाद में, तमाम सवालों पर पुलिस फिलहाल जांच कर रही है.

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पशुपति महाराज इस मठ में 2008 से रह रहे थे. इस मठ को निर्वामी मठ के नाम से जाना जाता है.

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