महाराष्ट्र के चर्चित डॉक्टर नरेंद्र दाभोलकर हत्याकांड में हथियार नष्ट कराने के आरोपी मुंबई हाई कोर्ट के वकील संजीव पुनालेकर को पुणे की विशेष अदालत ने जमानत दे दी. पुनालेकर की जमानत याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई करते हुए न्यायाधीश आरएम पाण्डेय ने तीन हजार के मुचलके पर कोर्ट की इजाजत के बगैर देश से बाहर नहीं जाने, तीन महीने तक प्रत्येक सोमवार और गुरुवार को सीबीआई के मुंबई ऑफिस में हाजिरी लगाने की शर्त पर जमानत स्वीकृत की.
गौरतलब है कि पुनालेकर विवादित हिंदूवादी संगठन सनातन संस्था से जुड़े लोगों पर दर्ज हत्या और बम विस्फोट जैसे मामलों में कानूनी सहायता प्रदान करनेवाले वकीलों के संगठन हिंदू विधिन्या परिषद् के सचिव हैं. वह सनातन संस्था के सचिव भी हैं. सीबीआई ने उन्हें उनके सहायक विक्रम भावे के साथ 25 मई को गिरफ्तार किया था.
सीबीआई ने 26 मई के दिन पुनालेकर और भावे को पुलिस हिरासत में लिया था. सीबीआई ने कोर्ट में कहा था कि दाभोलकर की हत्या करने वाले शूटरों शरद कालस्कर और सचिन अंडुरे ने पूछताछ के दौरान बताया था कि वे जून 2018 में पुनालेकर से उनके ऑफिस में मिले थे. इस दौरान दाभोलकर और गौरी लंकेश की हत्या के संबंध में चर्चा की थी. पुनालेकर ने उन्हें हत्या में प्रयुक्त हथियार तत्काल नष्ट करने की सलाह दी थी. इसके बाद कालस्कर ने चार हथियार नष्ट कर ठाणे क्रीक में फेंक दिए थे, जिनका उपयोग दाभोलकर और गौरी लंकेश की हत्या में किया गया था.
पुनालेकर का नाम साल 2010 में सनातन संस्था के साधक प्रशांत जुवेकर से पूछताछ के दौरान और इसके बाद 2009 के गोवा ब्लास्ट केस में भी सामने आया था. तब पुनालेकर को साक्ष्यों के अभाव में बरी कर दिया गया था. बता दें कि 20 अगस्त 2013 की सुबह टहलने निकले डॉक्टर नरेंद्र दाभोलकर की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.