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महाराष्ट्र: विपक्ष ने लगाया देवेंद्र फडणवीस के कार्यकाल में 500 करोड़ के घोटाले का आरोप

अजित पवार ने आरोप है लगाया कि साल 2017 और 2018 में राज्य सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के विज्ञापन जारी करने में 500 करोड़ रुपये से अधिक का घोटाला हुआ था.

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अजित पवार
अजित पवार

महाराष्ट्र में  विपक्ष के नेता अजीत पवार ने गुरुवार को आरोप लगाया कि साल 2017 और 2018 में राज्य सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के विज्ञापन जारी करने में 500 करोड़ रुपये से अधिक का घोटाला हुआ था. उन्होंने कहा कि सूचना एवं जनसंपर्क महानिदेशालय (डीजीआईपीआर) द्वारा मुख्यमंत्री, जो विभाग के प्रमुख हैं, से पूर्वानुमति लिए बिना ये विज्ञापन दिए गए थे.

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फडणवीस के साथ बनाई थी 80 घंटे की सरकार

गौरतलब है कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और शिवसेना के सत्ताधारी गठबंधन को पूर्ण बहुमत मिला था. जनादेश के बाद सरकार बनाने की कसरत शुरू हुई तो उद्धव ठाकरे ने अपने सीएम का राग अलाप बीजेपी की मुश्किलें बढ़ा दीं. कुछ दिनों के सन्नाटे के बाद देवेंद्र फडणवीस की शपथ लेने की तस्वीर सामने आई.

देवेंद्र फडणवीस के साथ राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के अजित पवार ने भी डिप्टी सीएम पद की शपथ ली थी. इस तस्वीर को लेकर राजभवन पर भी सवाल उठे, फडणवीस भी राजनीतिक गलियारों में घिरे. तस्वीर सामने आने के बाद एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने मोर्चा संभाला और अपनी पार्टी के विधायकों को एकजुट कर लिया. बाद में सदन में बहुमत साबित करने से पहले ही फडणवीस ने पद से इस्तीफा देकर इस सियासी ड्रामे का अंत कर दिया था. 

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फडणवीस के दावे ने मचाई थी खलबली

अब फडणवीस ने तीन साल बाद हाल में इस पूरे घटनाक्रम को लेकर बात की. महाराष्ट्र की शिंदे सरकार में डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने दावा किया है कि इस पूरे घटनाक्रम को एनसीपी के मुखिया शरद पवार का समर्थन प्राप्त था. समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक महाराष्ट्र सरकार के डिप्टी सीएम फडणवीस ने एक टीवी चैनल की ओर से आयोजित कार्यक्रम में दावा किया कि हमें एनसीपी की ओर से मिलकर सरकार बनाने के लिए प्रस्ताव मिला था. उन्होंने कहा कि एनसीपी की ओर से आए प्रस्ताव में कहा गया था कि एक स्थिर सरकार की जरूरत है और हमें मिलकर ऐसी सरकार बनानी चाहिए.

देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि हमने एनसीपी की ओर से आए प्रस्ताव को लेकर बातचीत करने और आगे बढ़ने का फैसला किया. शरद पवार के साथ भी बातचीत हुई. इसके बाद चीजें बदलीं. उन्होंने कहा कि आपने देखा कि चीजें किस तरह से बदलीं. देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि अजित पवार ने 80 घंटे बाद सरकार से हटने का फैसला किया. पूरी सच्चाई के साथ राज्य को बताना चाहता हूं कि अजित पवार ने मेरे साथ ईमानदारी से शपथ ली थी लेकिन बाद में उनकी (एनसीपी की) रणनीति बदल गई.

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