महाराष्ट्र के पंचायच चुनाव के नतीजे आ रहे हैं. अभी तक के रुझानों में सत्ताधारी शिवसेना आगे चल रही है, लेकिन बीजेपी कांटे की टक्कर देती नजर आ रही है. महाराष्ट्र की 14,234 ग्राम पंचायतों की 12,711 सीटों पर 15 जनवरी को हुए चुनाव की गिनती जा रही है. इसके अलावा 1523 सीटों पर प्रत्याशी निर्विरोध विजयी हुए हैं. मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के लिए यह पंचायत चुनाव प्रतिष्ठा से जुड़ा हुआ है.
14234 ग्राम पंचायत सीटों में 6446 के ताजा रुझान सामने आए हैं. बीजेपी 1398 सीटों पर आगे चल रही है. वहीं, शिवसेना 1452 पर लीड कर रही है. NCP 1239 और कांग्रेस 1012 पर आगे चल रही है. 1345 सीटों पर निर्दलीय और अन्य उम्मीदवार बढ़त बनाए हुए हैं.
अब तक मतगणना में 1695 सीटों के रिजल्ट का ऐलान हो गया है. शिवसेना 395, बीजेपी 336, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) 259, कांग्रेस 198 और मनसे 5 सीटों पर जीत गई है. इसके अलावा 538 सीटों पर निर्दलीय प्रत्याशी जीते हैं.
रुझानों में शिवसेना आगे
पंचायत चुनाव के शुरुआती रुझानों में शिवसेना को बढ़त बढ़त मिलती हुए नजर आ रही है, लेकिन बीजेपी भी अच्छा खासा प्रदर्शन करते हुए नंबर दो पर है. वहीं, तीसरे नंबर पर एनसीपी और चौथे नंबर पर कांग्रेस चल रही है. हालांकि, बीजेपी और शिवसेना के बीच बहुत ज्यादा अंतर नहीं है. कोल्हापुर जिले के नरसिंहवाड़ी में, महाविकास अघाडी बीजेपी से आगे है. यहां गठबंधन के समर्थन वाले उम्मीदवारों ने 11 में से 7 सीटें जीती हैं.
महाराष्ट्र में 34 जिलों में 12,711 ग्राम पंचायतों में शुक्रवार को हुए चुनाव 79 फीसदी मतदान हुआ था. इसके अलावा राज्य का नक्सल प्रभावित जिला गढ़चिरौली की छह तालुकाओं की 162 ग्राम पंचायतों के लिए मतदान 20 जनवरी को किया जाएगा जबकि मतगणना 22 जनवरी को की जाएगी. राज्य की ग्राम पंचायतों में 31 मार्च 2020 को चुनाव होने वाले थे, लेकिन कोरोना की वजह से 17 मार्च 2020 को चुनाव कार्यक्रम स्थगित कर दिया गया. इसके बाद पंचायत चुनाव की घोषणा दिसंबर में गई थी.
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की अगुवाई में 15 महीने पहले सत्ता संभालने के बाद शिवसेना-राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-कांग्रेस महागठबंधन सरकार के सामने ये पहली बड़ी चुनावी चुनौती है. सभी प्रमुख राष्ट्रीय दलों, राज्य दलों, क्षेत्रीय दलों और स्थानीय दलों के उम्मीदवारों के अलावा निर्दलीय भी इस महत्वपूर्ण चुनाव के लिए मैदान में थे. ऐसे में राज्य के पंचायत चुनाव काफी अहम हो गए हैं.