महाराष्ट्र के चर्चित अवैध फोन टैपिंग मामले में IPS अधिकारी रश्मि शुक्ला के खिलाफ महाराष्ट्र कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष नाना पटोले ने 500 करोड़ रुपए की मानहानि का दावा ठोका है. पटोले ने अधिवक्ता सतीश उके के जरिए नागपुर के वरिष्ठ दीवानी न्यायालय में यह मुकदमा दायर किया है. पटोले का पक्ष सुनकर न्यायालय ने रश्मी शुक्ला, केंद्रीय गृह विभाग के सचिव, राज्य गृह विभाग के अतिरिक्त सचिव, नागपुर और पुणे शहर पुलिस आयुक्त और पुणे अपराध शाखा की पुलिस अधिकारी वैशाली चांदगुडे को समन जारी किया है. न्यायालय ने मामले की सुनवाई 12 अप्रैल को रखी है.
शुक्ला पर आरोप है कि साल 2017-18 में पुणे की पुलिस आयुक्त रहते वक्त उन्होंने अवैध तरीके से उस वक्त के विरोधी पक्ष नेताओं की फोन टैपिंग की थी. फोन टैपिंग के लिए उन्होंने राजनेताओं के नाम बदलकर प्रस्ताव पास कराए. नाना पटोले को अमजद खान नामक एक ड्रग पेडलर बता कर उनका भी फोन टैप किया गया. इस प्रकरण का खुलासा होने के बाद विधानसभा ने इस मामले में उच्च स्तरीय जांच बैठाई. मामले में शुक्ला के खिलाफ पुणे के बंडगार्डन पुलिस थाने में मामला भी दर्ज कराया गया है. अब पटोले ने दावा किया है कि इस पूरे प्रकरण में शुक्ला ने जनप्रतिनिधि की साफ-सुथरी छवि खराब की है.
फोन टैपिंग मामले में ये हुआ?
बता दें कि महाराष्ट्र में फोन टैपिंग मामले में वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी रश्मि शुक्ला के खिलाफ 2 एफआईआर दर्ज की गई थी. पहली एफआईआर मुंबई के कोलाबा पुलिस थाने में दर्ज कराई गई थी तो वहीं दूसरी शिकायत दक्षिण मुंबई के एक पुलिस थाने में दर्ज हुई थी. रश्मि शुक्ला जब महाराष्ट्र के राज्य खुफिया विभाग (SID) की प्रमुख थीं, तब कथित रूप से फोन टैपिंग कराई गई थी. उस वक्त सूबे में बीजेपी की सरकार थी.
निजी एजेंसी से फोन टैप कराने का आरोप
इससे पहले कांग्रेस ने बीजेपी और राज्य प्रशासन पर फोन टैपिंग का आरोप लगाया था. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गिरीश चोडनकर ने कहा था कि बीजेपी उनकी पार्टी के नेताओं के फोन निजी एजेंसी से टैप करा रही है. चोडनकर ने कहा था कि कर्नाटक में सरकार गिराने के बाद पता चला कि इसमें जासूसी शामिल थी. 10 मार्च को विधानसभा चुनाव के नतीजे से पहले संभावित दलबदल को लेकर स्वतंत्र उम्मीदवार और बीजेपी के लोग भी कांग्रेस पार्टी नेतृत्व के संपर्क में थे.