किसानों की आत्म हत्या से परेशान महाराष्ट्र सरकार अब उनका बीमर कराएगी ताकि पीड़ित के परिवार को आर्थिक मदद मिल सके.
एक रिपोर्ट के मुताबिक राज्य कृषि मंत्री एकनाथ खडसे ने कहा, 'पिछले तीन महीनों में मराठवाडा प्रदेश से लगातार आ रही आत्महत्या की खबरों से ऐसी व्यवस्था लाने पर विचार किया गया. आंकड़े बताते हैं कि किसान आत्महत्या के 85 से 90 फीसदी मामले मराठवाडा के आठ जिलों से तीन महीनों में आए हैं.'
खडसे ने कहा, 'सरकार किसानों के लिए पांच लाख रुपयों के कवर वाला इंश्योरेंस लाने की तैयारी में है, लेकिन इसके साथ ही इस बात पर भी नजर रखी जाएगी कि इसका कोई बेजा इस्तेमाल न करे.' उन्होंने यह भी बताया कि सरकार इंश्योरेंस के लिए किसी निजी कंपनी से बातचीत करेगी.
उन्होंने कहा, 'हम इस बात को मानते हैं कि मुआवजा आत्महत्या का कोई हल नहीं है, लेकिन ये योजना मानवीय आधार पर शुरू की जा रही है.' हालांकि इस योजना को सुनते ही कैबिनेट में हंगामा हो गया. नेताओं ने ऐसे फैसले से आत्महत्या की संख्या बढ़ने की आशंका जताई. इस आशंका के जवाब में खडसे ने कहा, 'मैं चुनौती दे सकता हूं कि अगर किसी किसान को 10 लाख रुपये ऑफर करूं और उससे उसकी जिंदगी खत्म करने को कहूं, तो दुनिया में ऐसा कोई नहीं है जो पैसे के लिए अपनी जान दे.'
उन्होंने कहा, 'इसके अलावा बीमा कंपनी परिवार और व्यक्तिगत मामलों की साख का पता लगाए बिना वित्तीय सहायता नहीं बढ़ाएगा.' महाराष्ट्र सरकार ने माना कि मराठवाडा और विदर्भ के कुछ हिस्सों के हालात चिंताजनक है. सूखा प्रभावित क्षेत्रों में पानी के टैंकर भिजवाए जा रहे हैं.