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महाराष्ट्रः 250 किमी की पंढरपुर यात्रा पर निकले कोल्हापुर रेंज के आईजी

पंढरपुर यात्रा में 10 लाख के करीब श्रद्धालु एक साथ चलते हैं. 250 किलोमीटर पैदल चलकर पूरी की जाने वाली इस यात्रा में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम होना जरूरी हो जाता है.

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महाराष्ट्र पुलिस
महाराष्ट्र पुलिस

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ढ़ाई सौ किलोमीटर की पंढरपुर यात्रा के लिए साइकिल पर निकले महाराष्ट्र के कोल्हापुर रेंज के आईजी पुलिस ने जब बिना रुके ऊंची पहाड़ी साइकिल से पार की, तो अन्य आला अधिकारी दंग रह गए. हतप्रभ सभी अधिकारियों ने एक ही बात कही कि अब तंदुरुस्ती को लेकर लापरवाही नहीं करेंगे और रोज साइकिलिंग करेंगे.

कोल्हापुर रेंज के आईजी विश्वास नांगरे पाटिल ने तंदुरुस्ती और कानून व्यवस्था पर एक साथ काम करने का नायाब तरीका अख्तियार किया है. इसी के तहत विश्वास नांगरे साइकिल चलाते हुए पुणे के आलंदी तीर्थ क्षेत्र से पंढरपुर तीर्थक्षेत्र जाने के लिए निकल पड़े. पाटिल का कहना है कि महाराष्ट्र की सबसे बड़ी धार्मिक यात्रा के दौरान लोगों से जुड़ने और सुरक्षा संबंधी बारीकियां जानने का ये एक कारगर तरीका है.

बता दें कि पंढरपुर यात्रा में 10 लाख के करीब श्रद्धालु एक साथ चलते हैं. 250 किलोमीटर पैदल चलकर पूरी की जाने वाली इस यात्रा में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम होना जरूरी हो जाता है. आईजी नांगरे पाटिल ने 250 किलोमीटर की ये यात्रा साइकिल चलाकर पूरी करने के लिए पुलिस महकमे के सभी बड़े अधिकारियों और छोटे कर्मियों को फिट रहने की चुनौती दी है.

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रविवार की सुबह नांगरे पाटिल ने साइकिल यात्रा शुरू की. पहले दो दिनों में उन्होंने 70 से 80 किलोमीटर का फासला तय किया है. फिर क्या था अपने वरिष्ठ अधिकारी के आगे पीछे अपनी साइकिल चलाते पुलिसकर्मियों का रेला चल पड़ा.

आईजी का कहना है कि वे इस यात्रा को छह दिनों में पूरा करने वाले हैं. इस पंढरपुर यात्रा में सबसे कठिन मानी जाने वाली दिवे घाट की पहाड़ी नांगरे पाटिल ने देखते ही देखते पार कर डाली. पसीने से लथपथ नांगरे पाटिल के चेहरे पर थकान का नामोनिशान नहीं था. पहाड़ी चढ़ने के तुरंत बाद नांगरे पाटिल पंढरपुर की सुरक्षा के बारे में बात करते हुए नजर आए.

इस साइकिल यात्रा के दौरान मजेदार बात ये हुई कि जो वरिष्ठ अधिकारी पहाड़ी पर साइकिल नहीं चढ़ा पाए उनकी साइकिलें ट्रक में लादकर लानी पड़ी. हमेशा कड़क वर्दी में नजर आने वाले अधिकारियों की इस साइकिल यात्रा में सिट्टी-पिट्टी गुम होते नजर आई. अपनी बदहाली पर वरिष्ठ अधिकारियों ने आने वाले दिनों में सेहत के लिए रोज साइकिल चलाने की बात कही है.

एक पुलिसकर्मी ने कहा कि इतनी उम्र होने के बाद भी एक अधिकारी में इतनी फुर्ती होना दर्शाता है कि उन्होंने अपनी सेहत ठीक रखने के लिए कितनी मेहनत की है. इससे प्रेरणा लेकर सभी अधिकारियों को मेहनत करनी चाहिए.

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एक महिला अधिकारी ने कहा कि नांगरे पाटिल सभी युवा पुलिस जवानों के लिए प्रेरणादायक हैं. इतना व्यस्त शेड्यूल होने के बावजूद भी काम और सेहत का संतुलन बनाए रखे हैं. कुछ अधिकारियों ने कहा कि सेहत और तन्दुरुस्ती को लेकर अब लापरवाही नहीं करेंगे और रोज साइकिलिंग करेंगे.

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