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महाराष्ट्र सरकार की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही हैं. बुधवार को भाजपा नेता किरीट सोमैया ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) के अधिकारियों से मुलाकात की. उन्होंने ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी. उन्होंने ट्वीट किया, "मैंने आज सुबह ED के अधिकारियों से मुंबई में मुलाकात की. सचिन वाजे ने 1000 करोड़ रुपए का लेनदेन किया है. मैंने इस मामले में जांच की मांग की है."
पैसे कहां गए, इसकी जांच होनी चाहिए
इससे पहले बुधवार सुबह किरीट सोमैया ने एक बयान जारी कर सचिन वाजे के लेनदेन की जांच करने की मांग भी की थी. उन्होंने आरोप लगाया कि सचिन वाजे गैंग ने 2020-21 में हजारों करोड़ रुपए वसूल किए हैं. ये पैसे कहां गए? इसकी जांच NIA, ED, रिजर्व बैंक, रजिस्ट्रार ऑफ कंपनी, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को करनी चाहिए. उन्होंने बताया कि उन्होंने जांच के लिए सभी डिपार्टमेंट को लिखा है. इसी बयान में उन्होंने आगे कहा कि सोर्स ऑफ फंड, फ्लो ऑफ फंड, कैश मनी ट्रेल, बिटक्वॉइन का इस्तेमाल, बेनामी ट्रांजेक्शन, ऑफशोर ट्रांजेक्शन, इन सब की जांच भी करनी जरूरी है.
वसूली केस को लेकर हमलावर रहे हैं सोमैया
जब से मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह की चिट्ठी सामने आई है, तब से किरीट सोमैया महाराष्ट्र की उद्धव सरकार को लेकर हमलावर रहे हैं. जब परमबीर सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में जांच की मांग को लेकर याचिका लगाई थी. तब सोमैया ने ट्वीट किया था, "सचिन वाजे से वसूली के मामले में परमबीर सिंह ने अनिल देशमुख के खिलाफ जांच की मांग के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है. मैं उम्मीद करता हूं कि अब उद्धव ठाकरे और शरद पवार परमबीर सिंह की चिट्ठी को सही मानेंगे. हम एक बार फिर अनिल देशमुख के इस्तीफे की मांग करते हैं."
परमबीर सिंह ने क्या आरोप लगाए थे?
परमबीर सिंह के ट्रांसफर के बाद एक चिट्ठी सामने आई थी, जो उन्होंने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखी थी. परमबीर सिंह इस चिट्ठी में दावा किया कि महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने API सचिन वाजे से हर महीने सौ करोड़ रुपये की मांग की थी, जो मुंबई के अलग-अलग क्षेत्रों से वसूले जाने थे. पहले इस चिट्ठी की सत्यता पर सवाल हुआ था, लेकिन परमबीर सिंह ने बाद में खुद कहा कि ये चिट्ठी उनकी ही है.