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Maharashtra Political Crisis: 'हम ही शिवसेना हैं, हाइजैक नहीं किया...', शिंदे गुट के बागी विधायक दीपक केसरकर बोले

Maharashtra Political Crisis: महाराष्ट्र में शिवसेना के बागी विधायकों ने गुवाहाटी में डेरा डाल रखा है. सवाल इस बात का है कि आखिर क्या वजह है कि अचानक से शिवसेना में इतनी बड़ी बगावत हो गई है.

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Deepak Kesarkar भी बागी विधायकों में शामिल हैं. (फाइल फोटो)
Deepak Kesarkar भी बागी विधायकों में शामिल हैं. (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • 'कांग्रेस-एनसीपी ने पार्टी को हाइजैक किया'
  • बागी विधायक ने की प्रेस कॉन्फ्रेंस
  • डिप्टी स्पीकर के फैसले पर भी नाराजगी

शिवसेना के बागी गुट में शामिल विधायक दीपक केसरकर ने कहा है कि उनके गुट में दो तिहाई बहुमत है और एकनाथ शिंदे को नेता नियुक्त कर दिया गया है. गुवाहाटी में एक वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस में में दीपक केसरकर ने कहा कि उन लोगों ने शिवसेना को नहीं छोड़ा लेकिन अपने गुट का नाम शिवसेना (बाला साहेब) जरूर रखा लिया है.  

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इसके साथ ही शिवसेना के बागी विधायक ने कहा कि डिप्टी स्पीकर के उस फैसले को कोर्ट में चुनौती देंगे जिसमें उन्होंने एकनाथ शिंदे को शिवसेना विधायक दल के नेता के पद से हटा दिया है. केसरकर ने कहा कि 16-17 विधायक मिलकर 55 विधायकों के नेता को नहीं हटा सकते हैं. सीएम उद्धव ठाकरे का जिक्र करते हुए दीपक केसरकर ने कहा कि पार्टी अध्यक्ष से सभी विधायकों ने कहा था कि जिस दल के टिकट से जीते हैं उसी के साथ रहेंगे. विधायक ने कहा, 'जब सभी की एक ही राय है तो इसके कुछ तो मतलब है'. उनका इशारा एनसीपी-कांग्रेस के साथ गठबंधन को लेकर था.

दीपक केसरकर से सवाल किया गया कि क्या बागी विधायकों का गुट सरकार से समर्थन वापस लेगा तो इस पर उन्होंने कहा, 'हम क्यों समर्थन वापस लें? हम ही शिवसेना हैं. हमने पार्टी को हाइजैक नहीं किया है, कांग्रेस और एनसीपी ने किया है.' इसके साथ ही उन्होंने कहा शिंदे गुट विधानसभा में बहुमत साबित करेगा लेकिन किसी भी दल के साथ विलय नहीं होगा.  इसके साथ ही केसरकर ने साफ किया कि उन लोगों ने बागी गुट का नाम शिवसेना (बाला साहेब) रखने का फैसला किया है क्योंकि ये सभी उनकी विचारधारा पर विश्वास करते हैं.

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उनसे जब पूछा गया कि बागी विधायक मुंबई वापस लौटेंगे तो उन्होंने हाल ही में हुई तोड़फोड़ की घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि उचित समय आने पर वापस होंगे क्यों इस समय सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे हैं. आखिरी में उन्होंने यह भी जोड़ा कि बागी गुट उद्धव ठाकरे खिलाफ नहीं है. 

बता दें कि कांग्रेस-एनसीपी के साथ गठबंधन पर फिर से विचार करने की मांग को लेकर शिवसेना के 38 विधायकों ने बगावत का झंडा बुलंद कर दिया है. एकनाथ शिंदे की अगुवाई में ये सभी विधायक गुवाहाटी में डेरा डाले हुए हैं. दूसरी ओर महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे सरकार और पार्टी बचाने के लिए हर संभव कोशिश कर रहे हैं. इसके साथ ही यह भी संदेश देने की कोशिश है कि बगावत के सामने पार्टी झुकेगी नहीं.

 

 

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