Maharashtra Political Crisis Live Updates: महाराष्ट्र में जारी सियासी जंग ने आज सुप्रीम कोर्ट में अलग रंग ले लिया. यहां डिप्टी स्पीकर को झटका लगा है. सुप्रीम कोर्ट ने बागी विधायकों की याचिका पर डिप्टी स्पीकर नरहरि जिरवाल को नोटिस थमाया दिया. उनसे पूछा गया कि जब बागी विधायकों ने उनके खिलाफ अविश्वास का नोटिस दिया था, तो उसे डिप्टी स्पीकर ने बिना सदन में रखे कैसे खारिज कर दिया? मतलब वह अपने खिलाफ आए नोटिस में खुद ही जज कैसे बन गए? अब इस मामले पर अगली सुनवाई 11 जुलाई को होगी. यानी 11 जुलाई तक अब बागी विधायक को अयोग्य साबित नहीं किया जा सकता. महाराष्ट्र संकट से जुड़ी पल-पल की अपडेट aajtak.in पर पढ़ते रहिए.
देवेंद्र फडणवीस के घर पर हुई बैठक के बाद बीजेपी के सभी विधायकों को मुंबई और आसपास के इलाके में रहने के लिए कह दिया गया है ताकि फ्लोर टेस्ट की स्थिति बनने पर वे सभी मौजूद रहें. सूत्रों के मुताबिक बीजेपी फ्लोर टेस्ट की मांग को लेकर सीधे राज्यपाल से संपर्क नहीं करेगी. संभावना है कि महाराष्ट्र से छोटी पार्टी का कोई सदस्य फ्लोर टेस्ट की मांग कर सकता है या फिर राज्यपाल स्वत: संज्ञान लेते हुए फ्लोर टेस्ट के लिए कह सकते हैं. बीजेपी को भरोसा है कि फ्लोर टेस्ट के बाद मौजूदा एमवीए सरकार गिर जाएगी. सूत्रों का कहना है कि बीजेपी एकनाथ शिंदे की शिवसेना के साथ गठबंधन में सरकार बनाएगी.
मातोश्री में उद्धव ठाकरे के साथ कांग्रेस और एनसीपी नेताओं की बैठक खत्म हो गई है. बैठक के बाद नाना पटोले ने कहा कि उद्धव सरकार 5 साल तक चलेगी. उन्होंने कहा कि एकनाथ शिंदे अपने साथ विधायकों का जो संख्या बल होने का दावा कर रहे हैं, वह सही नहीं है. सही संख्या बल हमारे पास है. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि वे (शिंदे गुट) हमारे विधायकों को इंजेक्शन लगाने की कोशिश कर रहे हैं और उन्हें मारने की कोशिश कर रहे हैं. हम इस मामले को लेकर कोर्ट जाएंगे. उन्होंने कहा कि अगर फ्लोर टेस्ट होता है तो हम ही जीतेंगे.
शिवसेना विधायक राहुल पाटील ने शिंदे गुट में शामिल होने के लिए चोरी-छुपे सूरत रवाना होने की खबरों का खंडन किया है. उन्होंने कहा कि वे अपना नियमित काम करने गए थे. वह अभी भी मंत्रलय में हैं. उन्होंने कहा कि उनके निर्वाचन क्षेत्र में कुछ लोग उनके बारे में अफवाह फैलाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन मैं कहीं नहीं जा रहा हूं. मैं आखिरी सांस तक शिवसेना का साथ नहीं छोडूंगा.
महाराष्ट्र विधानसभा के डिप्टी स्पीकर ने शिंदे गुट के सभी विधायकों को जारी किए गए अयोग्य ठहराने वाले नोटिस पर अब जवाब देने का समय बढ़ा दिया है. उन्होंने सभी विधायकों को 12 जुलाई की शाम साढ़े पांच बजे तक जवाब देने के लिए कहा है. पहले उन्होंने 27 जून की शाम साढ़े पांच बजे तक जवाब मांगा था लेकिन सुप्रीम कोर्ट की डिप्टी स्पीकर की नोटिस पर 11 जुलाई तक रोक के बाद उन्होंने यह समय सीमा बढ़ा दी है.
उद्धव सरकार से समर्थन वापस लेने के फैसले पर शिंदे गुट अभी कशमकश में लग रहा है. शायद इसी वजह से वह राज्यपाल को इस संबंध में लेटर भेजने का फैसला नहीं ले पाए हैं. अगर शिंदे गुट समर्थन वापस लेने पर फैसला नहीं लेता है तो ऐसी स्थिति में या तो बीजेपी राज्यपाल से फ्लोर टेस्ट के लिए संपर्क कर सकती है या फिर राज्यपाल इस मामले में स्वतः संज्ञान ले सकते हैं.
SC के डिप्टी स्पीकर के नोटिस पर 11 जुलाई तक रोक लगाने के बाद मातोश्री में एनसीपी और कांग्रेस नेताओं की हलचल बढ़ गई है. सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस नेता अशोह चव्हाण, नाना पटोले, बालासाहेब थोराट उद्धव ठाकरे के घर पहुंच गए हैं जबकि शिवसेना नेता सुभाष देसाई और अरविंद सावंत मातोश्री से बाहर जाते हुए दिखाई दिए हैं. वहीं कुछ देर पहले एनसीपी नेता जयंत पाटील और दिलीप वाल्से भी मातोश्री में जाते हुए दिखाई दिए थे. वहीं शरद पवार भी मुंबई पहुंच चुके हैं.
महाराष्ट्र में सियासी संकट: दो बार इस्तीफा देना चाहते थे उद्धव ठाकरे, लेकिन शरद पवार ने रोका
महाराष्ट्र के पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस के घर पर चल रही कोर कमेटी की बैठक खत्म हो गई है. सूत्रों के मुताबिक बैठक में नेताओं से कहा गया है कि वे कार्यकर्ताओं को तैयार रखें, जब भी शिवसेना के बागी विधायक मुंबई लौटेंगे, बीजेपी के कार्यकर्ता एयरपोर्ट पर उनका स्वागत करेंगे. वहीं बीजेपी के सुधीर मुंगतीवार का कहना है कि वे एकनाथ शिंदे समूह को असली शिवसेना समूह मानते हैं. अगर वह प्रस्ताव लेकर आते हैं तो हम विचार करेंगे.
#WATCH | Maharashtra: Core committee meeting of Maharashtra BJP underway at the residence of LoP Devendra Fadnavis in Mumbai#MaharashtraPolitcalCrisis pic.twitter.com/HWtNjhncpd
— ANI (@ANI) June 27, 2022
एकनाथ शिंदे के बेटे कल्याण के सांसद श्रीकांत शिंदे ने सोमवार को शिवसेना सांसद संजय राउत से गुवाहाटी में असंतुष्ट विधायकों के बिना आत्मा के शरीर मुंबई आने वाले बयान पर टिप्पणी की. उन्होंने कहा कि राउत को बोलते समय शब्दों के चुनाव में सावधानी बरतनी चाहिए क्योंकि वह भी किसी के पिता हैं और उनका परिवार उनकी टिप्पणियों को देख रहा है. यह महाराष्ट्र की संस्कृति नहीं है. जिस तरह से वह टिप्पणी कर रहे हैं, राज्य देख रहा है. ऐसा तब होता है जब किसी को पता चलता है कि सत्ता हाथ से निकल रही है. महाराष्ट्र के लोग अप्रिय और असंसदीय टिप्पणियों का करारा जवाब देंगे."
It is not a rebellion but what the people of Maharashtra want. What does he (Sanjay Raut) mean by "bringing bodies from Guwahati"? This is not the culture of Maharashtra. He should threaten other people but not us: Shrikant Shinde, Shiv Sena MP and son of Eknath Shinde, in Thane pic.twitter.com/wb71xWG0Ct
— ANI (@ANI) June 27, 2022
राजनीतिक संकट में घिरे सीएम उद्धव ठाकरे सोशल मीडिया पर इस्तीफा देना चाहते थे. उन्होंने दो बार पद से इस्तीफा देने का मन बनाया था लेकिन हर बार एनसीपी चीफ शरद पवार ने उन्हें इसके लिए मना कर दिया था.
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शिवसेना विधायक उदय सामंत आखिरकार देर रात तीन बजे पुलिस को चकमा देते हुए घर से निकलकर गुवाहाटी पहुंच गए. मालूम हो कि उदय सामंत के घर के बाहर 20 पुलिसकर्मियों को तैनात कर दिया गया था ताकि वह शिंदे गुट के पास न चले जाएं.
महाराष्ट्र में तेजी से घटनाक्रम बदल रहा है. सूत्रों के अनुसार आज के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद बीजेपी सरकार बनाने को लेकर आश्वस्त दिख रही है. सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के बाद शिंदे कैंप या बीजेपी शक्ति परीक्षण की मांग कर सकती है. राज्यपाल कोश्यारी स्वत: संज्ञान लेते हुए खुद भी उद्धव सरकार को फ्लोर टेस्ट के लिए कह सकते हैं.
शिंदे गुट के विधायक दीपक केसरकर ने कहा कि हम शिवसेना और बीजेपी की सरकार चाहते हैं. प्रदेश में बेहतर सरकार बनेगी तो बेहतर काम होगा.उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र सरकार अल्पमत में है. उद्धव ठाकरे सरकार को हार मान लेनी चाहिए और इन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए.
उद्धव सरकार से समर्थन वापसी की घोषणा कर सकता है शिंदे कैंप, गवर्नर से मिलने की तैयारी
एक ओर जहां महाराष्ट्र बीजेपी विधायक देवेंद्र फडणवीस के घर पर कोर्ट कमेटी की बैठक चल रही है. बैठक में बीजेपी नेता चंद्रकांत पाटील और पंकजा मुंडे समेत कई नेता शामिल हैं. वहीं अब एनसीपी नेता भी सीएम उद्धव ठाकरे के घर मातोश्री पहुंचने लगे हैं. जयंत पाटील और दिलीप वाल्से उनके घर पहुंच रहे हैं. शरद पवार भी मुंबई के लिए रवाना हो चुके हैं.
Maharashtra BJP chief Chandrakant Patil and other BJP leaders arrive at the residence of LoP Devendra Fadnavis in Mumbai.#MaharastraPoliticalCrisis pic.twitter.com/KoEIGA1aC3
— ANI (@ANI) June 27, 2022
सुप्रीम कोर्ट से फौरी तौर पर राहत मिलने के बाद शिवसेना से बागी हुए एकनाथ शिंदे ने कहा कि यह हिंदुत्व के सम्राट बालासाहेब ठाकरे के हिंदुत्व और धर्मवीर आनंद दिघे साहेब के विचारों की जीत है..! वहीं दीपक केसरकर ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार अल्पमत में है. उद्धव ठाकरे सरकार को हार मान लेनी चाहिए और इन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए.
हा वंदनीय हिंदुहृदयसम्राट शिवसेनाप्रमुख बाळासाहेब ठाकरे यांच्या हिंदुत्वाचा आणि धर्मवीर आनंद दिघे साहेबांच्या विचारांचा विजय..!#realshivsenawins
— Eknath Shinde - एकनाथ शिंदे (@mieknathshinde) June 27, 2022
महाराष्ट्र बीजेपी के नेताओं की कोर कमेटी की बैठक देवेंद्र फडणवीस के घर पर शुरू हो चुकी है. इस बैठक में देवेंद्र फडणवीस के साथ चंद्रकांत पाटील, सुधीर मुनगंटीवार, पंकजा मुंडे, आशीष शेलारी और गिरीश महाजन के अलावा कई और नेता भी शामिल हैं.
महाराष्ट्र: सुप्रीम कोर्ट से शिंदे कैंप को राहत, 11 जुलाई तक अयोग्य नहीं घोषित हो पाएंगे बागी विधायक
Maharashtra BJP chief Chandrakant Patil and other BJP leaders arrive at the residence of LoP Devendra Fadnavis in Mumbai.#MaharastraPoliticalCrisis pic.twitter.com/KoEIGA1aC3
— ANI (@ANI) June 27, 2022
सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिलने के बाद अब अटकलें लग रही हैं कि शिंदे गुट MVA सरकार से समर्थन वापस लेने के लिए जल्द ही राज्यपाल से संपर्क कर सकता है. साथ ही वह उद्धव सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव भी ला सकता है. दावा कर सकते हैं कि वे ही विधानसभा में मूल शिवसेना हैं.
महाराष्ट्र बीजेपी की आज शाम 5 बजे कोर कमेटी की बैठक होगी. यह बैठक देवेंद्र फडणवीस के घर पर होगी. मालूम को कि सुप्रीम कोर्ट ने डिप्टी स्पीकर के बागी विधायकों के अयोग्यता के नोटिस पर फिलहाल 11 जुलाई तक के लिए रोक लगा दी गई है. कोर्ट का आदेश आने के बाद बीजेपी यह बैठक करने जा रही है.
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा कि हमारे लिए सुप्रीम कोर्ट भगवान है, लेकिन महाराष्ट्र में जनता की भावनाएं अलग हैं. 11 जुलाई के बाद बागी विधायकों को अयोग्य ठहराने की प्रक्रिया शुरू होगी. उन्होंने कहा कि मुझे गिरफ्तार करो, मैं यहां शिवसेना भवन में बैठा हूं. अगर मुझे शिवसैनिकों के लिए बलिदान होना है, तो हो जाऊंगा. इसमें कौन सी बड़ी बात है.
आदित्य ठाकरे ने गुवाहाटी में बैठे बागी विधायकों पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि सामने आएं और आंख में आंख डालकर हमसे बात करें. यह राजनीति नहीं सरकस बन गया है. यह बागी नहीं भगोड़े हैं. जो भागकर जाते हैं, वे कभी जीतते नहीं हैं. उन्होंने कहा कि कुछ विधायक हमारे साथ हैं.
#WATCH | "We are confident of winning. We have all love with us. Those who betray don't win. Those who run away don't win," says Maharashtra minister and Shiv Sena leader Aaditya Thackeray when asked how confident is he that the MVA govt won't fall. pic.twitter.com/CCg2SZhjJO
— ANI (@ANI) June 27, 2022
शिंदे गुट को सुप्रीम कोर्ट से फोरी तौर पर राहत मिल गई है. वहीं सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि राज्य सरकार कानून व्यवस्था बनाए रखे और सभी 39 विधायकों के जीवन और स्वतंत्रता की रक्षा के लिए पर्याप्त कदम उठाए. उनकी संपत्ति को कोई नुकसान न पहुंचे. इससे पहले जस्टिस सूर्य कांत ने सभी पक्षों को सुनने के बाद बागी विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने के डिप्टी स्पीकर के नोटिस पर 11 जुलाई शाम 5.30 बजे तक रोक लगा दी है.
Supreme Court issues notice to Deputy Speaker, Secretary of Maharashtra State Legislative Assembly, Centre and others on pleas filed by rebel MLAs against the disqualification notice issued by the Deputy Speaker Narhari Zirwal against Eknath Shinde and 15 other rebel legislators. pic.twitter.com/oYrAKW9CZ4
— ANI (@ANI) June 27, 2022
बागी विधायकों के वकील की तरफ से कोर्ट में उनकी सुरक्षा का मुद्दा भी उठाया गया. इसपर सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार से विधायकों और उनके परिवार को उचित सुरक्षा मुहैया करने को कहा.
बागी विधायकों को आज अयोग्य ठहराये जाने वाले नोटिस पर 5 बजे तक जवाब देना था. लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि डिप्टी स्पीकर के इस नोटिस पर 11 जुलाई तक रोक लगाई जाती है. मतलब अब तबतक इन विधायकों को अयोग्य नहीं ठहाराया जा सकता.
बागी विधायक एकनाथ शिंदे की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने लगभग सभी पक्षों को नोटिस दे दिया है. इस नोटिस का जवाब सभी पक्षों को पांच दिनों के अंदर देना है. फिर मामले की अगली सुनवाई 11 जुलाई को होगी. जिन पक्षों को नोटिस दिया गया है उसमें डिप्टी स्पीकर, विधानसभा के सचिव, केंद्र सरकार, महाराष्ट्र पुलिस, शिवसेना विधायक दल के नेता अजय चौधरी, सुनील प्रभु आदि शामिल हैं.
सिंघवी की दलीलों के बाद सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि क्या जिस स्पीकर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया हो वो किसी सदस्य की अयोग्यता की कार्रवाई शुरू कर सकता है. सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि अपने खिलाफ आए प्रस्ताव में डिप्टी स्पीकर (नरहरि ज़िरवाल) खुद कैसे जज बन गए? कोर्ट ने पूछा कि शिंदे गुट ने मेल के जरिये डिप्टी स्पीकर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया था, जिसपर विधायकों के साइन थे. इसपर डिप्टी स्पीकर के वकील ने कहा कि हां नोटिस आया था. लेकिन उसे खारिज कर दिया गया था. डिप्टी स्पीकर के वकील राजीन धवन ने कहा कि ई-मेल वैरिफाइड नहीं था, इसलिए उसे खारिज कर दिया गया था.
इसपर कोर्ट ने सख्ती से कहा कि डिप्टी स्पीकर और विधान सभा दफ्तर को एक एफिडेविट दाखिल करना होगा. बताना होगा कि डिप्टी स्पीकर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव आया था कि नहीं. और आया था तो उसे क्यों रिजेक्ट किया गया.
अब अभिषेक मनु सिंघवी की तरफ से दलीलें रखी जा रही हैं. सिंघवी महाराष्ट्र सरकार यानी शिवसेना की तरफ से दलीलें दे रहे हैं. सिंघवी ने कहा कि जान के खतरे की बातें बेबुनियाद हैं.
कोर्ट में सिंघवी ने कहा कि 1992 Kihito hollohan केस में भी साफ कहा गया था कि जबतक स्पीकर कोई फैसला नहीं लेते तबतक कोर्ट में कोई एक्शन नहीं होना चाहिए.
इसपर सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि क्या 1992 के केस में भी स्पीकर की पोजिशन पर सवाल खड़े हुए थे.
इसपर सिंघवी ने कहा कि रेबिया केस बताता है कि चाहे स्पीकर गलत फैसला ले, लेकिन उसके फैसले के बाद ही कोर्ट दखल दे सकता है.
सुप्रीम कोर्ट में शिंदे कैंप ने दावा किया है कि उनके साथ 39 विधायक हैं. ऐसे में महाराष्ट्र सरकार अल्पमत में है. बागी गुट ने यह कहा कि डिप्टी स्पीकर की छवि जब संदेह के घेरे में है तो फिर वह अयोग्य ठहराने का प्रस्ताव कैसे ला सकते हैं. शिंदे गुट ने कहा कि पहले उन याचिकाओं पर सुनवाई होनी चाहिए जिनमें डिप्टी स्पीकर को हटाने की मांग की गई है. बागी विधायकों ने कहा कि डिप्टी स्पीकर सरकार के साथ मिलकर काम कर रहे हैं. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई कुछ देर के लिए रोक दी गई. अब यह सुनवाई दोबारा शुरू हो चुकी है.
सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि बागी लोग पहले हाईकोर्ट क्यों नहीं गए. इसपर वकील ने कहा कि मामला गंभीर था, इसलिए सीधा यहीं का रुख किया गया. शिंदे के वकील ने कहा कि आर्टिकल 32 में याचिका दाखिल कर सकते हैं. हमारे साथ पार्टी शिवसेना 39 विधायक है. हमें धमकी दी जा रही है. जान से मारने की धमकी दी जा रही है. घर/और दूसरी संपति को नुकसान पहुंचाया जा रहा है.
सुप्रीम कोर्ट ने बताया कि बागी विधायकों ने दो अर्जी दी हैं. पहला उन्होंने जान को खतरा बताया है. दूसरा डिप्टी स्पीकर की तरफ से उनको कम वक्त दिया गया है, ऐसा कहा गया है.
शिंदे गुट ने कहा कि स्पीकर को उन्हें नोटिस का जवाब देने के लिए 14 दिनों का वक्त देना चाहिए था. लेकिन डिप्टी स्पीकर जल्दबाजी में दिखाई पड़ रहे हैं. जब विधायकों के वकील नीरज किशन कौल ने यह कहा कि डिप्टी स्पीकर जल्दबाजी में दिखाई पड़ रहे हैं, तब कोर्ट ने कहा कि विधायकों ने पहले डिप्टी स्पीकर से ही बात क्यों नहीं की.
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई कुछ देर में शुरू होने वाली है. पहले मैटर नंबर 34 (एकनाथ शिंदे की याचिका), फिर मैटर नंबर 35 (भरत गोगावले की याचिका) पर सुनवाई होगी.
सुप्रीम कोर्ट में एकनाथ शिंदे की तरफ से एक और नई याचिका दायर की गई है. इसमें कहा गया है कि बागी विधायकों की जान को शिवसेना कार्यकर्ताओं से खतरा है. लिखा गया है कि महाराष्ट्र की कानून व्यवस्था पर अब MVA सरकार का कंट्रोल नहीं है.
163 पन्नों की इस याचिका में संजय राउत के विभिन्न बयानों का भी जिक्र है.
महाराष्ट्र में सियासी संकट के बीच प्रवर्तन निदेशालय (ED) की एंट्री हो गई है. ईडी ने शिवसेना सांसद संजय राउत को समन भेजा है. राउत को कल पूछताछ के लिए बुलाया है. क्लिक कर पढ़ें पूरी खबर
महाराष्ट्र में शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे के समर्थक ठाणे में उनके समर्थन में उनके आवास पर एकत्रित हुए. सुप्रीम कोर्ट आज महाराष्ट्र के बागी विधायकों के खिलाफ डिप्टी स्पीकर द्वारा जारी अयोग्यता नोटिस के खिलाफ एकनाथ शिंदे की याचिका पर सुनवाई कुछ देर में होनी है.
सुप्रीम कोर्ट में दायर अपनी याचिका में एकनाथ शिंदे ने लिखा है कि महा विकास अघाड़ी (MVA) गठबंधन ने सदन में बहुमत खो दिया है क्योंकि शिवसेना विधायक दल के 38 सदस्यों ने अपना समर्थन वापस ले लिया है और इस तरह सदन में बहुमत से नीचे आ गया है.
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई से पहले एकनाथ शिंदे ने फिर ट्वीट किया है. उन्होंने लिखा कि क्या आपको सरकार में छगन भुजबल के साथ बैठने में पीड़ा नहीं होती? जिस शख्स ने हिंदुहृदय सम्राट बालासाहेब ठाकरे को कैद किया था. यह सवाल पूर्व विधायक सुभाष सबने ने सीएम और शिव सेना के मुखिया उद्धव ठाकरे ने पूछा. सबने को विधानसभा में यह सवाल पूछने पर सस्पेंड कर दिया गया था.
संजय राउत पर बागी विधायक दीपक केसरकर का वार. #Maharashtra #MaharashtraPoliticalCisis #ShivSena #EknathShinde | @AnjanaOmKashyap pic.twitter.com/JcINbm8PD1
— AajTak (@aajtak) June 27, 2022
सियासी घमासान के बीच संजय राउत के भाई सुनील राउत का बयान आया है. वह बोले कि मैं गुवाहाटी क्यों जाऊं? मैं गोवा जा सकता हूं. गुवाहाटी में क्या गद्दारों का चेहरा देखने जाऊंगा. मैं शिवसेना का आदमी हूं. मैं अपने आखिरी क्षण तक शिवसेना में ही रहूंगा और शिवसेना का ही काम करूंगा. अब जितने लोग बचे हैं हम उनसे ही महाराष्ट्र में शिवसेना बढ़ाएंगे.
शिवसेना नेता संजय राउत ने अपने 'ज़िंदा लाश' वाले बयान पर सफाई दी. वह बोले कि जो लोग 40-40 साल तक पार्टी में रहते हैं और फिर भाग जाते हैं, उनका ज़मीर मर गया है, तो उसके बाद क्या बचता है? ज़िंदा लाश. यह राममनोहर लोहिया साहब के शब्द हैं. मैंने किसी की भावना को ठेस पहुंचाने का काम नहीं किया, मैंने सत्य कहा है.
संजय राउत ने आगे कहा कि हम लोग रोड टेस्ट और फ्लोर टेस्ट दोनों के लिए तैयार हैं. बीजेपी पर निशाना साधते हुए राउत ने कहा कि जिन्होंने महबूबा मुफ्ती के साथ हाथ मिलाया वे हमपर कमेंट ना करें. वह बोले की बीजेपी शिवसेना के बागी विधायकों और सांसदों के संपर्क में है.
सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई का लाइव प्रसारण शिंदे शिविर के विधायक देखेंगे. वो वकीलों को दिए गए लिंक के जरिए बड़े स्क्रीन पर सुनवाई देखेंगे.
यह भी पढ़ें - शिवसेना ने बागी विधायकों को बताया 'नचनिया', सामना में लिखा- BJP ने इन्हें उकसाया है
सुप्रीम कोर्ट में बागी गुट की दो अलग-अलग याचिकाओं पर सुनवाई होगी. एक याचिका एकनाथ शिंदे की ओर से जारी की गई है, जबकि दूसरी याचिका बागी विधायक भरत गोगावले की ओर से दायर की गई है. दोनो्ं ही याचिकाओं में डिप्टी स्पीकर के फैसले को चुनौती दी गई है. सबसे पहले दो उस नोटिस को चुनौती दी गई है जिसमें 16 बागियों की सदस्यता समाप्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. वहीं, शिंदे को नेता पद से हटाने और अजय चौधरी को चीफ व्हिप नियुक्त करने के फैसले को भी चैलेंज किया गया है.
सुप्रीम कोर्ट में एकनाथ शिंदे का पक्ष वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे और एनके कॉल रखेंगे जबकि उद्धव कैंप की ओर से अभिषेक मनु सिंघवी और देवदत्त कामत पैरवी करेंगे. शिंदे कैंप का दावा है कि उनके पास शिवसेना के 39 विधायक हैं, जबकि उद्धव के पास महज 16 विधायक हैं, ऐसे में नेता पद से हटाने और चीफ व्हिप नियुक्त करने का अधिकार उद्धव का नहीं बल्कि शिंदे का होना चाहिए.
गुवाहाटी में बागी विधायकों के साथ आज एकनाथ शिंदे एक मीटिंग करेंगे. यह मीटिंग दोपहर 2 बजे होगी. सुप्रीम कोर्ट का जो भी फैसला होगा, उसके बाद एकनाथ शिंदे गुट राज्यपाल के संपर्क कर सकता है.
महाराष्ट्र में अबतक सड़क पर शिवसेना के कार्यकर्ता ही शिंदे कैंप के खिलाफ प्रदर्शन करते दिख रहे थे. लेकिन अब शिंदे समर्थक भी सड़कों पर आने का ऐलान कर रहे हैं. ये लोग 10 बजे ठाणे में जुटेंगे.
कितने बजे शुरू होगी SC में सुनवाई? बता रहे हैं @sanjoomewati
— AajTak (@aajtak) June 27, 2022
मुंबई और गुवाहाटी में कैसा है हाल बता रहे हैं @mausamii2u और @ashokasinghal2
#Maharashtra #MaharashtraPoliticalCisis #ShivSena #9BajGaye | @nehabatham03 pic.twitter.com/GJ6WFRpJqx
महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल तेज है. आज सुप्रीम कोर्ट में एकनाथ शिंदे और भारत गोगावले की दो अर्जियों पर सुनवाई होनी है. पहली अर्जी में बागी विधायकों को अयोग्य बताने वाले नोटिस को गलत बताया गया है. दूसरी अर्जी में सुरक्षा की मांग हुई है.
दूसरी तरफ आज विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस दिल्ली आ सकते हैं. यहां वह अमित शाह से मीटिंग करेंगे.
उद्धव ठाकरे गुट और शिंदे गुट भी अपनी अलग-अलग मीटिंग्स करेगा. ये मीटिंग सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई के बाद हो सकती हैं.
शिवसेना के बागी विधायक एकनाथ शिंदे ने मनसे (महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना) प्रमुख राज ठाकरे से दो बार फोन पर बात की. शिंदे ने ठाकरे से महाराष्ट्र की हालिया राजनीतिक स्थिति के बारे में बात की और उनके स्वास्थ्य के बारे में भी जानकारी ली. इस बात की पुष्टि मनसे के एक नेता ने की है.
शिंदे गुट लगातार मजबूत होता जा रहा है. शिवसेना के 39 विधायकों का समर्थन अबतक शिंदे को मिल चुका है. वहीं उद्धव के पास सिर्फ 16 विधायक बचे हैं. कल उदय सामंत भी गुवाहाटी पहुंच गये थे. शिंदे गुट में शामिल होने वाले यह 8वें मंत्री थे.
महाराष्ट्र के युद्ध में आज सुप्रीम कोर्ट में कानूनी लड़ाई होगी. डिप्टी स्पीकर के नोटिस को शिंदे गुट की चुनौती दी है. सुप्रीम कोर्ट की जंग में दोनों पक्षों ने ताकत झोंकी है. शिंदे गुट की तरफ से हरीश साल्वे तो शिवसेना की तरफ से अभिषेक मनु दलील रखेंगे. डिप्टी स्पीकर ने 16 बागी विधायकों को अयोग्यता का नोटिस थमाया है. इसके खिलाफ शिंदे गुट ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है. बागी विधायकों ने खुद के और परिवार के लिए कोर्ट से सुरक्षा मुहैया कराए जाने की मांग भी की है.
सामना के जरिए शिवसेना ने भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधा है. लिखा गया है कि गुवाहाटी प्रकरण में भाजपा की धोती खुल ही गई. दावा किया गया कि देवेंद्र फडणवीस और एकनाथ शिंदे की वडोदरा में गुप्त मीटिंग हुई थी, जिसमें अमित शाह भी शामिल थे. आगे बागी विधायकों को 50-50 करोड़ रुपयों में बेचे गए बैल अथवा ‘बिग बुल’ बताया गया है. कहा गया कि ये लोग लोकतंत्र को लगा कलंक हैं.