Maharashtra Political Crisis: महाराष्ट्र का सियासी संकट अब सियासी पिक्चर में बदल चुका है. शिवसेना विधायक और मंत्री एकनाथ शिंदे की बगावत से इस पिक्चर की शुरुआत सोमवार रात से शुरू हुई थी. रुठों को मनाने के लिए शिवसेना कांग्रेस और एनसीपी से गठबंधन तोड़ने को भी तैयार है. इसी बीच शिंदे को बागी गुट का नेता चुन लिया गया है.
लेकिन महाराष्ट्र की ये सियासी पिक्चर अभी खत्म नहीं हुई है. अभी पिक्चर बहुत बाकी है और पिक्चर की कहानी अब इन चार किरदारों पर आकर टिक गई है. ये चार किरदार हैं- एकनाथ शिंदे, महाराष्ट्र विधानसभा के डिप्टी स्पीकर नरहरि जिरवाल, राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी और बीजेपी नेता देवेंद्र फड़णवीस.
इस कहानी की शुरुआत एकनाथ शिंदे ने की थी और अब ये डिप्टी स्पीकर तक आ चुकी है. डिप्टी स्पीकर के बाद ये कहानी राज्यपाल तक भी जा सकती है. फिर इस सियासी कहानी में बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस की एंट्री हो सकती है.
ये भी पढ़ें-- Inside Story: एनसीपी-कांग्रेस से खिलाफत, आदित्य से विवाद...जानिए क्यों बागी हुए एकनाथ शिंदे
महाराष्ट्र की सियासी पिक्चर की अब तक की कहानी
- सोमवार रातः 20 जून की सुबह तक महाराष्ट्र की सियासत में सबकुछ ठीक चल रहा था. लेकिन रात में एकनाथ शिंदे और बागी विधायक गुजरात के सूरत में एक होटल में चले गए. सुबह तक शिवसेना में बगावत की कहानी सामने आ गई. सूरत के बाद सारे बागी विधायक असम के गुवाहाटी के एक होटल में चले गए. ये बागी विधायक अभी भी यहीं हैं. एकनाथ शिंदे का दावा है कि उनके पास 50 से ज्यादा विधायक हैं.
- बगावत का पहला दिनः एकनाथ शिंदे बागी विधायकों के साथ सूरत में थे. उन्होंने ट्वीट किया, 'हम बालासाहेब के सच्चे शिवसैनिक हैं. बालासाहेब ने हमें हिंदुत्व सिखाया है. हम सत्ता के लिए कभी भी धोखा नहीं देंगे. बालासाहेब के विचारों और धर्मवीर आनंद साहेब ने हमें धोखा देना नहीं सिखाया है.' बागी विधायकों के फोन बंद आने के बीच शिवसेना सांसद संजय राउत दावा करते रहे कि महाराष्ट्र में सियासी भूकंप नहीं आएगा.
- बगावत का दूसरा दिनः सुबह-सुबह शिंदे और बागी विधायक सूरत से गुवाहाटी पहुंच गए. शिंदे ने दावा किया कि उनके पास 40 से ज्यादा विधायक हैं. शाम को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र की जनता को संबोधित किया. ठाकरे ने कहा कि अगर उनका एक भी विधायक सामने से आकर कहेगा तो वो इस्तीफा देने को भी तैयार हैं. देर रात ठाकरे मुख्यमंत्री आवास भी छोड़कर मातोश्री चले गए.
- बगावत का तीसरा दिनः बागी विधायक संजय शिरसत ने एक लेटर लिखा. इसे शिंदे ने ट्विटर पर शेयर किया. इस लेटर में लिखा गया कि मुख्यमंत्री मिलने का समय नहीं देते थे, रामलला के दर्शन करने से भी रोकते थे. बाद में संजय राउत ने कहा कि अगर 24 घंटे में बागी विधायक मुंबई लौटते हैं, तो महा विकास अघाड़ी गठबंधन से बाहर निकलने पर विचार कर सकते हैं. देर रात एकनाथ शिंदे को बागी गुट का नेता चुन लिया गया. रात में ही शिंदे का एक वीडियो भी आया, जिसमें वो कह रहे हैं कि एक राष्ट्रीय पार्टी उनकी हर मदद के लिए तैयार है.
ये भी पढ़ें-- Eknath Shinde: कभी ऑटो चलाते थे एकनाथ शिंदे-सीएम की रेस में रहा नाम, ऐसा रहा सफर
पिक्चर में आगे क्या? चार किरदारों पर टिकी निगाहें
1. बागी विधायक एकनाथ शिंदेः इस सियासी पिक्चर के मुख्य किरदार एकनाथ शिंदे ही हैं. शिंदे का दावा है कि उनके साथ 50 से ज्यादा विधायक हैं. शिंदे ठाकरे परिवार के करीबी नेताओं में से एक हैं, लेकिन उन्होंने पार्टी के दो तिहाई विधायकों के समर्थन का दावा किया है. शिंदे का ये भी कहना है कि आने वाले समय में पार्टी सिम्बल पर भी वो फैसला लेंगे. यानी, हो सकता है कि शिंदे आगे चलकर शिवसेना को ही कब्जा लें.
2. डिप्टी स्पीकर नरहरि जिरवालः महाराष्ट्र विधानसभा में अभी कोई स्पीकर नहीं है, इसलिए डिप्टी स्पीकर नरहरि जिरवाल के पास सारे पावर हैं. शिवसेना ने मीटिंग में नहीं पहुंचे 12 विधायकों की सदस्यता रद्द करने की मांग भी डिप्टी स्पीकर से की है. इस पर फैसला डिप्टी स्पीकर ही लेंगे. अगर विधायकों की सदस्यता रद्द होती है, तो मामला कोर्ट में भी जा सकता है. दो दिन पहले ही डिप्टी स्पीकर ने शिवसेना के विधायक दल के नेता के पद से शिंदे को हटाकर अजय चौधरी को नियुक्त किया था. वहीं, गुरुवार शाम को शिंदे ने डिप्टी स्पीकर को शिवसेना से 37 बागी विधायकों के सिग्नेचर वाला लेटर भी भेज दिया.
3. राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारीः महाराष्ट्र में सियासी पिक्चर उलझी तो मामला राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के पास जाने की पूरी-पूरी संभावना है. पिक्चर उलझती है तो राज्यपाल मुख्यमंत्री को बहुमत साबित करने का आदेश दे सकते हैं.
4. बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीसः आखिर में ये पूरी गेंद देवेंद्र फडणवीस के पाले में आ सकती है. अगर बात फ्लोर टेस्ट तक आती है और उद्धव ठाकरे बहुमत साबित नहीं कर पाते हैं तो फिर राज्यपाल किसी और नेता या गठबंधन को सरकार बनाने का न्योता दे सकते हैं. अगर शिंदे बीजेपी को समर्थन देते हैं तो राज्य में बीजेपी की सरकार बननी लगभग तय है. ऐसा हुआ तो देवेंद्र फडणवीस दोबारा मुख्यमंत्री बन सकते हैं.
महाराष्ट्र की सियासी पिक्चर का 'दि एंड' क्या होगा? इसकी तीन संभावनाएं बनती हैं...
1. हैप्पी एंडिंगः शिवसेना में जो बगावत चल रही है, वो खत्म हो जाए. संजय राउत कह चुके हैं कि अगर बागी विधायक मुंबई आकर बात करते हैं तो अघाड़ी गठबंधन से बाहर निकला जा सकता है. उद्धव ठाकरे ने भी कहा है कि वो इस्तीफा देने को तैयार हैं. अगर बागी विधायक मुंबई लौट आते हैं तो शिवसेना में फिर से सबकुछ ठीक हो सकता है. हालांकि, इसकी संभावनाएं अभी थोड़ी कम ही दिख रही है.
2. हीरो ही बदल जाएः अभी महाराष्ट्र के हीरो उद्धव ठाकरे हैं. अगर बागी विधायक उनके साथ आने की बजाय बीजेपी के साथ जाते हैं तो फिर हीरो ही बदल सकता है. अगर ऐसा होता है तो देवेंद्र फडणवीस दोबारा से महाराष्ट्र के हीरो बन सकते हैं.
3. पिक्चर फिर से शुरू होः तीसरी संभावना ये है कि राज्यपाल विधानसभा ही भंग कर दें. हालांकि, इसकी गुंजाइश बहुत कम है, क्योंकि सरकार के संकट में होते हुए आमतौर पर विधानसभा भंग नहीं होती है. फिर भी अगर विधानसभा भंग होती है तो फिर महाराष्ट्र में फिर से चुनाव होंगे, यानी पिक्चर फिर से शुरू हो जाएगी.