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Maharashtra Political Crisis Updates: क्या बच पाएगी उद्धव सरकार? महाराष्ट्र की सत्ता के ये हो सकते हैं समीकरण

Maharashtra Political Crisis Updates: महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे की सरकार बच पाएगी या नहीं इसपर सस्पेंस बन गया है. बीजेपी और शिवसेना दोनों के ही सामने कुछ ऑप्शन मौजूद हैं.

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सीएम उद्धव ठाकरे की कुर्सी फिलहाल खतरे में दिख रही है (फाइल फोटो)
सीएम उद्धव ठाकरे की कुर्सी फिलहाल खतरे में दिख रही है (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • महाराष्ट्र की विधानसभा में कुल 288 सदस्य हैं
  • महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए 145 विधायक चाहिए
  • 26 विधायकों के बागी होने से महाविकास अघाड़ी की दिक्कतें बढ़ीं

Maharashtra Political Crisis Updates: महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी सरकार खतरे में दिख रही है. दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी के नेता और कुछ विधायक पूरे जोश में हैं. यह दावा तक कर दिया गया है कि महाराष्ट्र में फिर से देवेंद्र फडणवीस की सरकार होगी. हालांकि, बीजेपी के लिए यह इतना आसान नहीं होने वाला है.

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पहली बात तो यही है कि मंत्री एकनाथ शिंदे के साथ इतने विधायक बागी नहीं हुए है, जिससे वे लोग दलबदल विरोधी कानून से बच सकें. साथ ही जानकार मानते हैं कि भारतीय जनता पार्टी महाविकास अघाड़ी सरकार को गिराकर दोबारा होने वाले चुनाव में जीतकर सरकार बना सकती है.

यह भी पढ़ें - Eknath Shinde: क्या सरकार बचा पाएंगे उद्धव ठाकरे? महाराष्ट्र विधानसभा में ये है सीटों का गणित

सीएम उद्धव की कुर्सी खतरे में

महाराष्ट्र में सीएम उद्धव ठाकरे की कुर्सी खतरे में है. ऐसा मंत्री एकनाथ शिंदे के बागी होने की वजह से हुआ है. उन्होंने पहले विधायकों के साथ मिलकर MLC चुनाव में क्रॉस वोटिंग की. इसका फायदा बीजेपी को मिला. फिर वह विधायकों के साथ गुजरात के सूरत चले गए. शिंदे का दावा है कि उनके साथ 26 विधायक हैं.

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माना जा रहा है कि शिंदे उद्धव से गुजारिश करेंगे कि वह NCP का साथ छोड़कर फिर से बीजेपी के साथ गठबंधन करें. अगर ऐसा नहीं होता है तो बागी विधायक इस्तीफा दे सकते हैं.

क्या कहता है महाराष्ट्र का गणित?

महाराष्ट्र में शिंदे को मिलाकर कुल 26 विधायक बागी हुए हैं. इसमें कुछ निर्दलीय विधायक भी शामिल हैं. ये बागी विधायक दलबदल विरोधी कानून की जद में आ सकते हैं. दरअसल, शिवसेना के महाराष्ट्र में 55 विधायक हैं. इसका दो-तिहाई 36.6 बैठता है. अगर शिंदे के साथ 37 विधायक आ जाएं तो वे लोग दलबदल विरोधी कानून के दायरे से बाहर होंगे. लेकिन अभी ऐसा दिखाई नहीं पड़ता.

यह बात बीजेपी को भी समझ आ रही है. बीजेपी की कोशिश रहेगी कि राज्य में दोबारा चुनाव कराए जाएं. फिर ज्यादा सीट जीतने की कोशिश करके सरकार बनाने की प्लानिंग बीजेपी की रहेगी.

बीजेपी चाहती है कि MVA सरकार को गिराया जाए. फिर राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू हो. फिर राज्य में दोबारा चुनाव हों, जिसमें बीजेपी जीत दर्ज करे.

महाराष्ट्र की विधानसभा में कुल 288 सदस्य हैं, इसके लिहाज से सरकार बनाने के लिए 145 विधायक चाहिए. शिवसेना के एक विधायक का निधन हो गया है, जिसके चलते अब 287 विधायक बचे हैं और सरकार के लिए 144 विधायक चाहिए. बगावत से पहले शिवेसना की अगुवाई में बने महा विकास अघाड़ी के 169 विधायकों का समर्थन हासिल था जबकि बीजेपी के पास 113 विधायक और विपक्ष में 5 अन्य विधायक हैं.

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ये 26 विधायक हुए बागी

  1. तानाजी सावंत
  2. बालाजी कल्याणकर
  3. प्रकाश आनंदराव आबिटकर
  4. एकनाथ शिंदे
  5. अब्दुल सत्तार
  6. संजय पांडुरंग
  7. श्रीनिवास वनगा
  8. महेश शिंदे
  9. संजय रायमुलकर
  10. विश्वनाथ भोएर
  11. संदीपन राव भूमरे
  12. शांताराम मोरे
  13. रमेश बोरनारे
  14. अनिल बाबर
  15. चिंमणराव पाटील
  16. शंभूराज देसाई
  17. महेंद्र दलवी
  18. शाहाजी पाटील
  19. प्रदीप जैस्वाल
  20. महेन्द्र थोरवे
  21. किशोर पाटील
  22. ज्ञानराज चौगुले
  23. बालाजी किणीकर
  24. भरतशेत गोगावले
  25. संजय गायकवाड
  26. सुहास कांदे

कैसे शिंदे ने बिगाड़ दिया उद्धव ठाकरे का गणित?

एकनाथ शिंदे के साथ बगावत करने वाले 26 विधायक हैं, जो उद्धव सरकार के साथ थे. ऐसे में अब उद्धव सरकार से इन 26 विधायकों का समर्थन हटा देते हैं तो 143 विधायक बचते हैं. ऐसे में निर्दलीय व अन्य छोटी पार्टियों के 2 से 3 विधायक अगर ठाकरे सरकार का साथ छोड़ देते हैं तो यह लगभग तय है कि ठाकरे सरकार के लिए विधानसभा में बहुमत साबित करना मुश्किल हो जाएगा. इस तरह से बहुमत के कम नंबर पर महा विकास आघाड़ी आ गई है.

 

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