कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा महाराष्ट्र पहुंच गई है. यहां राहुल गांधी ने एक ऐसे नाबालिग लड़के के सपनों को उड़ान दी है, जिसने अब तक कंप्यूटर नहीं देखा था, लेकिन सॉफ्टवेयर इंजीनियर की चाहत रखता था. राहुल ने मुलाकात में उसके सपने के बारे में जाना तो पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने तत्काल उसे कंप्यूटर ( Personal Computer) भी भेंट करवा दिया. फिलहाल, लैपटॉप पाकर लड़के की खुशी का ठिकाना नहीं रहा.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक फेसबुक पोस्ट किया है. इसमें उन्होंने दो लड़कों से मुलाकात के बारे में जानकारी शेयर की है. राहुल ने कहा- ये दोनों बच्चे मेरे साथ यात्रा में चले. सर्वेश हटने ने बताया कि वो टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में नौकरी करना चाहता है. लेकिन, उसने अब तक कंप्यूटर नहीं देखा है. इस पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने राहुल गांधी की उपस्थिति में सर्वेश हटने को एक पर्सनल कंप्यूटर सौंपा. सर्वेश और उसका दोस्त पदयात्रा में भी साथ चल रहे हैं.
राहुल गांधी की चार युवाओं से मुलाकात
राहुल गांधी ने फेसबुक पोस्ट में इस पूरे घटनाक्रम के बारे में अपने विचार साझा किए. उन्होंने लिखा- पापा ने एक बार कहा था- मैं छोटा हूं और मेरा भी एक सपना है. मैं आप सभी को उनके बारे में, उनके सपनों और कल इन चारों युवाओं के साथ मेरी अद्भुत बातचीत के बारे में कुछ और बताता हूं.
पापा हमेशा आधुनिक तकनीक को लेकर सोच रखते थे
पापा हमेशा आधुनिक तकनीक के बारे में उत्सुक रहते थे और भारत के लाभ के लिए इसका उपयोग कैसे किया जा सकता है- इसको लेकर सोच रखते थे. कंप्यूटर पापा का सबसे पसंदीदा था. वह भारत को 21वीं सदी में लाने के लिए युवा शक्ति को चैनलाइज करने की नई योजनाओं पर हमेशा उत्साहपूर्वक चर्चा करते थे.
बच्चों को बताया- ipad कैसे काम करता है
कल की यात्रा, उन सभी यादों को वापस ले आई. युवा सर्वेश हटने और चंद्रकांत किरकल की आंखों में मैंने वही जिज्ञासा और आनंद देखा. मैंने दोनों को चलाकर दिखाया कि आईपैड कैसे काम करता है. हमारी बातचीत के दौरान उन्होंने मेरे साथ सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनने के अपने सपने को शेयर किया. निश्चित रूप से मैंने उन्हें जो iPad दिखाया, वह उनकी पहली पसंदीदा भी बन गया.
उनकी आंखों में सपना...
मेरी फिर प्रतीक्षा मंजेलवर और संध्या वाल्पे के साथ सुखद बातचीत हुई. ये दोनों लड़कियां या तो पुलिस या सीआरपीएफ के जरिए देश की सेवा के लिए खुद को समर्पित करने की ट्रेनिंग ले रही हैं. उनकी आंखों में सपने की एक झलक देखकर पापा को भी गर्व हो जाता.
ये तो बस शुरुआत है...
ये युवा उन सुविधाओं और अवसरों तक पहुंच के पात्र हैं जो उनका अधिकार है. भारत के युवा सर्वश्रेष्ठ के पात्र हैं. और मैं यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हूं कि उनके सपने पूरे हों. सर्वेश के लिए लैपटॉप तो बस शुरुआत है. हमारे पास साकार करने के लिए एक अरब और सपने हैं.