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Maharashtra: महिला पत्रकार ने नहीं लगाई बिंदी, संभाजी भिड़े ने कहा- पहले बिंदी लगाओ, फिर बात करना

महाराष्ट्र के हिंदुत्ववादी सामाजिक कार्यकर्ता संभाजी भिड़े ने एक महिला पत्रकार से इसलिए बातचीत करने से इनकार कर दिया क्योंकि उसने बिंदी नहीं लगाई थी. भिड़े ने पत्रकार से कहा कि हर महिला भारत माता की तरह होती है और भारत माता विधवा नहीं होती है.

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संभाजी भिड़े
संभाजी भिड़े

हिंदुत्ववादी नेता संभाजी भिड़े (Sambhaji Bhide) ने बिंदी नहीं लगाने की वजह से एक महिला पत्रकार से बात करने से इनकार कर दिया. इस मामले के सामने आने के बाद एक नया विवाद खड़ा हो गया है. इस मामले के सामने आने के बाद महाराष्ट्र महिला आयोग ने भिड़े को नोटिस जारी कर दिया है.

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यह घटना उस समय कैमरे में कैद हो गई, जब वह महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से मुलाकात कर बाहर निकले थे. वीडियो में सुना जा सकता है कि वह महिला पत्रकार के सवालों का जवाब देने से पहले उनसे माथे पर बिंदी लगाने को कहते हैं.

वीडियो में भिड़े को महिला पत्रकार से यह कहते सुना जा सकता है कि उन्हें उनकी बाइट लेने से पहले बिंदी लगानी चाहिए. ऐसा नहीं करने पर उन्होंने पत्रकार से बात करने से इनकार कर दिया. 

दरअसल महिला पत्रकार ने भिड़े से मुख्यमंत्री शिंदे से हुई उनकी मुलाकात को लेकर एक सवाल पूछा था, जिसके बाद भिड़े ने महिला से पहले बिंदी लगाकर आने को कहा.

विधवा की तरह नहीं दिखना चाहिए...

उन्होंने पत्रकार से यह भी कहा कि महिला भारत माता की तरह होती है. इसलिए उसे बिंदी नहीं लगाकर विधवा की तरह नहीं दिखना चाहिए. महाराष्ट्र महिला आयोग की अध्यक्ष रूपाली चाकणकर ने भिड़े को नोटिस जारी कर उनके इस बयान पर स्पष्टीकरण मांगा है.

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इस पूरे मामले पर अब महिला पत्रकार ने खुद बयान जारी कर अपना पक्ष रखा है. उन्होंने ट्वीट कर कहा है कि बिंदी लगाना या नहीं लगाना, उनकी निजी पसंद है. हम लोगों की उम्र देखकर उनका सम्मान करते हैं लेकिन लोगों को भी सम्मान के योग्य होना चाहिए. यह मेरी निजी पसंद है कि मैं बिंदी लगाऊं या नहीं. यह लोकतंत्र है.

भिड़े का विवादों से चोली-दामन का साथ

बता दें कि 2018 में भी भिड़े अपने विवादित बयानों को लेकर निशाने पर रहे हैं. उन्होंने उस समय कहा था कि उनके बगीचे के आम खाने के बाद कई दंपतियों के घर बेटा पैदा हुआ है. उनके इस बयान की काफी आलोचना हुई थी. उनके इस बयान को लेकर एक सामाजिक कार्यकर्ता ने शिकायत की थी, जिसके बाद नासिक महानगरपालिका (एनएमसी) ने उन्हें नोटिस जारी किया था. इस नोटिस में भिड़े से उन दंपतियों के नाम पूछे थे, जिनके घर उनके बगीचे के आम खाने के बाद बेटे पैदा हुए थे.

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