महाराष्ट्र में मंदिर खोले जाने के मुद्दे पर राजनीति गर्म है. महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर जनता के लिए धार्मिक स्थल खोलने के लिए हस्तक्षेप करने को कहा तो विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने भी महाराष्ट्र सरकार के खिलाफ आक्रामक तेवर अपना लिए.
सियासी पारा उफान पर आया तो अब नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के मुखिया शरद पवार भी मंदिर को लेकर जारी जंग में कूद पड़े. शरद पवार ने इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी है. शरद पवार ने चिट्ठी ट्वीट करते हुए कहा है कि माननीय राज्यपाल ने मुख्यमंत्री को पत्र लिख कर जनता के लिए धार्मिक स्थल खोलने के लिए हस्तक्षेप करने की मांग की है.
एनसीपी अध्यक्ष ने कहा है कि राज्यपाल की ओर से मुख्यमंत्री को पत्र लिखे जाने की जानकारी मुझे मीडिया के माध्यम से मिली. शरद पवार ने पीएम को लिखी अपनी चिट्ठी में महाराष्ट्र में कोरोना वायरस के हालात और राज्य सरकार की ओर से उठाए गए कदमों की चर्चा करते हुए लिखा है कि प्रदेश में कई धार्मिक स्थल हैं, जहां बड़ी संख्या में भीड़ एकत्रित होती है.
It was brought to my notice through the media, a letter written by the Hon. Governor of Maharashtra to the @CMOMaharashtra
— Sharad Pawar (@PawarSpeaks) October 13, 2020
In this letter the Hon. Governor has sought the intervention of the Chief Minister to open up religious places for the public. pic.twitter.com/1he2VOatx3
उन्होंने मुंबई के सिद्धिविनायक, पंढ़रपुर के विट्ठल मंदिर, शिर्डी के साईं मंदिर का उदाहरण देते हुए कहा है कि यहां सामान्य दिनों में भारी भीड़ देखी जाती है. पवार ने पीएम को लिखी चिट्ठी में कहा है कि ये कुछ ऐसे स्थान हैं, जहां दो गज की दूरी का पालन कराना असंभव होगा. उन्होंने साथ ही राज्यपाल के पत्र की भाषा पर भी आश्चर्य जताया है.
गौरतलब है कि एनसीपी ने भी राज्यपाल पर हमला बोलते हुए कहा था कि केंद्र सरकार सभी मंदिर खोलने की अनुमति दे. वहीं, शिवसेना की ओर से संजय राउत ने मोर्चा संभालते हुए कहा था कि शिवसेना न हिंदुत्व भूली है और न ही भूलेगी. उन्होंने हिंदुत्व को शिवसेना की आत्मा बताया था.