महाराष्ट्र के स्कूली पाठ्यक्रम में मनुस्मृति के श्लोक शामिल करने के खिलाफ विवाद छिड़ गया है. इसी दौरान विरोध करते हुए एनसीपी (शरदचंद्र पवार) की पार्टी के विधायक जितेंद्र आव्हाड ने डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर की तस्वीर फाड़ दी. इस घटना के बाद पूरे प्रदेश में उनका विरोध शुरू हो गया. वहीं, अपने खिलाफ विरोध को बढ़ता देख एनसीपी (सीपी) नेता ने वीडियो जारी कर लोगों से माफी मांगी है.
आव्हाड ने लोगों से माफी मांगते हुए सोशल मीडिया एक्स पर एक वीडियो साझा किया है. इस वीडियो में उन्होंने बताया कि सरकार मनुस्मृति को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करने की कोशिश कर रही है. इसके विरोध में आज महाड के कीर्ति स्तंभ पर मनुस्मृति जलाकर विरोध जताया था. इसी दौरान मुझसे अनजाने में एक बड़ी गलती हो गई. कुछ कार्यकर्ता मनुस्मृति का विरोध करते हुए पोस्टर लेकर आए, उन पर बाबा साहेब अंबेडकर की तस्वीर भी थी. मनुस्मृति और डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर की समग्र तस्वीर वाला यह पोस्टर मुझसे अनजाने में फट गया,इसके लिए मैं सार्वजनिक रूप से माफी मांगता हूं.
उन्होंने आगे कहा कि सभी जानते हैं कि मैं कई सालों से डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर के विचारों पर चलने का प्रयास कर रहा हूं. मैंने अब तक कभी-भी किसी भी मामला में माफी नहीं मांगी है, मैं हमेशा अपनी भूमिका पर कायम रहा हूं और इसे निभाया है, लेकिन आज मैं माफी मांग रहा हूं. क्योंकि यह मेरे पिता का अपमान है. मुझे विश्वास है कि सभी अंबेडकर प्रेमी मुझे माफ कर देंगे.
महाराष्ट्र में ये विवाद राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद द्वारा घोषित हालिया पाठ्यक्रम से उपजा है. कक्षा 3 से 12 तक के नए पाठ्यक्रम में मनुस्मृति के श्लोकों और भगवद गीता के एक अध्याय का पाठ करने की सिफारिश की गई है.