महाराष्ट्र में नई सरकार के गठन पर जो काले बादल छाए हुए थे, अब वह छंटते हुए नज़र आ रहे हैं. शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी के बीच में कॉमन मिनिमम प्रोग्राम (CMP) पर सहमति बनती दिख रही है. तीनों पार्टियां जल्द ही इसपर फाइनल मुहर लगाएंगी. शिवसेना पहले से कह रही है कि महाराष्ट्र में उनका ही मुख्यमंत्री होगा और अब उसकी इस बात पर शरद पवार की पार्टी राष्ट्रवादी कांग्रेस (NCP) ने भी मुहर लगा दी है. NCP नेता नवाब मलिक ने शुक्रवार को कहा कि निश्चित तौर पर मुख्यमंत्री शिवसेना का ही होगा.
समाचार एजेंसी ANI से NCP नेता नवाब मलिक ने कहा, ‘...एक सवाल बार-बार पूछा जा रहा है कि शिवसेना का मुख्यमंत्री होगा क्या? मुख्यमंत्री पद को लेकर भाजपा और शिवसेना में विवाद हुआ, तो निश्चित रूप से मुख्यमंत्री शिवसेना का होगा. शिवसेना को अपमानित किया गया है, हमारी जिम्मेदारी बनती है कि उनका स्वाभिमान और सम्मान बनाए रखना, ये हमारी जिम्मेदारी है और इसपर हमारी किसी प्रकार की आपत्ति नहीं है.’
Nawab Malik, NCP: Sawaal baar-baar poocha ja raha hai ki Shiv Sena ka CM hoga kya?CM ke post ko leke hi Shiv Sena-BJP ke beech mein vivaad hua, toh nishchit roop se CM Shiv Sena ka hoga. Shiv Sena ko apmanit kiya gaya hai, unka swabhimaan banaye rakhna hamari zimmedari banti hai. pic.twitter.com/qHiVoFoRlR
— ANI (@ANI) November 15, 2019
गौरतलब है कि शुक्रवार को ही ये बात सामने आई है कि तीनों पार्टियों के बीच मिनिमम कॉमन प्रोग्राम पर मुहर लग गई है. इस फॉर्मूले के तहत अगले पांच साल मुख्यमंत्री शिवसेना का ही होगा, बल्कि एनसीपी और कांग्रेस को 1-1 डिप्टी सीएम दिया जाएगा. इसके अलावा मंत्री पद के लिए तीनों पार्टी में 14-14-12 का फॉर्मूला सामने आ रहा है.
महाराष्ट्र में बनी बात! शिवसेना का ही होगा CM, 14-14-12 के फॉर्मूले पर होंगे मंत्री
शुक्रवार को ही शिवसेना नेता संजय राउत ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस बात पर मुहर लगाई थी. राउत का कहना था कि राज्य के हित के लिए तीनों पार्टियां कॉमन मिनिमम प्रोग्राम पर साथ आ रही हैं, जिसमें विकास-किसान-सूखा आदि मसला अहम होगा.
हालांकि, अभी भी कुछ ऐसे मसले हैं जिनपर तीनों पार्टियों को एक मंच पर आना बाकी है. इसमें शिवसेना की तरफ से लगातार विनायक सावरकर को भारत रत्न देने की मांग है, तो वहीं कांग्रेस-एनसीपी की ओर से 5 फीसदी मुस्लिम आरक्षण की मांग है. इन मसलों पर अभी भी तीनों पार्टियों में चर्चा जारी है. अभी ये साफ नहीं हुआ है कि सरकार गठन को लेकर पार्टियों की ओर से सार्वजनिक तौर पर ऐलान कब किया जाएगा.