महाराष्ट्र में नई सरकार के गठन को लेकर शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के बीच डील फाइनल हो गई है. तीनों पार्टियों के बीच सरकार बनाने के लिए फॉर्मूला तय हो चुका है और जल्द ही सरकार बनाने का दावा पेश किया जा सकता है. हालांकि, इस बीच शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के नेता आज शाम 4:30 बजे किसानों की समस्याएं और प्रशासन से संबंधित मुद्दे को लेकर राज्यपाल से मुलाकात करेंगे.
सरकार गठन पर कर सकते हैं चर्चा
माना जा रहे हैं कि तीनों पार्टियों के नेता आज राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात कर सरकार गठन पर चर्चा कर सकते हैं. वहीं, तीनों पार्टियों के नेता आज राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात कर सरकार गठन पर चर्चा कर सकते हैं. शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के नेताओं ने राज्यपाल से शनिवार को मिलने का समय मांगा था. इस मुलाकात में किसानों के मुद्दे पर भी चर्चा हो सकती है.
सूत्रों के मुताबिक, तीनों पार्टियों के नेता इस दौरान सरकार बनाने का दावा भी पेश कर सकते हैं. इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भी किसानों को राहत देने की मांग को लेकर राज्यपाल से मिले थे.
एनसीपी नेता नवाब मलिक ने शुक्रवार को कहा कि कल राज्यपाल के साथ किसानों के मुद्दे पर चर्चा की जाएगी. शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल से किसानों को राहत देने की मांग को लेकर मिलेगा.
कॉमन मिनिमम प्रोग्राम पर मुहर लगनी बाकी
वहीं, महाराष्ट्र में सरकार गठन के मुद्दे पर एनसीपी प्रमुख शरद पवार और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के बीच दिल्ली में बैठक होने वाली है. जानकारी के मुताबिक, सोनिया गांधी से मिलने के लिए शरद पवार 17 या 18 नवंबर को दिल्ली जाने वाले हैं. ऐसे में जब अभी तक तीनों दलों के बीच सरकार गठन से पहले ड्रॉफ्ट किए गए कॉमन मिनिमम प्रोग्राम पर भी शीर्ष नेताओं की मुहर लगनी बाकी है.
बता दें कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव सत्ताधारी बीजेपी और शिवसेना का राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने साथ मिलकर लड़ा था. बीजेपी 105 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी, वहीं शिवसेना 56 सीटों के साथ दूसरी सबसे बड़ी पार्टी के रूप में. चुनाव नतीजे आने के बाद शिवसेना और बीजेपी के बीच मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर खींचतान शुरू हो गई. शिवसेना 50-50 फॉर्मूले पर अड़ गई और बीजेपी के सीएम की कुर्सी देने को तैयार नहीं होने पर गठबंधन तोड़ते हुए केंद्र की मोदी सरकार में मंत्री अरविंद सावंत से इस्तीफा दिलवा अपनी राहें अगल कर ली थी.