महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी और शिवसेना के बीच जुबानी दंगल जारी है. रविवार को एक बार फिर शिवसेना नेता संजय राउत ने भारतीय जनता पार्टी पर हमला बोला. इसी के साथ ही संजय राउत ने कहा है कि शिवसेना सरकार बनाने की जिम्मेदारी उठाने के लिए तैयार है.
रविवार को संजय राउत ने कहा कि राज्यपाल ने सबसे बड़े राजनीतिक दल को सरकार बनाने के लिए बुलाया है, ऐसे में उन्हें पहल करनी चाहिए. इसी के साथ ही शिवसेना ने कांग्रेस को लेकर अपना रुख भी बताया है और कहा है कि कांग्रेस दुश्मन नहीं है.
उन्होंने कहा कि हमें नहीं पता कि बीजेपी अभी तक इंतजार क्यों कर रही है, जबकि कम सीटों में उन्होंने अन्य राज्य में सरकार बनाई है.
Shiv Sena leader Sanjay Raut: Agar koi sarkaar banane ko taiyar nahi hai toh Shiv Sena yeh zimma le sakti hai. #Maharashtra pic.twitter.com/hYO1HHbuRq
— ANI (@ANI) November 10, 2019
'कांग्रेस से मतभेद लेकिन वो दुश्मन नहीं'
शिवसेना नेता ने कहा कि अगर भाजपा को गवर्नर का न्योता मिला है, तो फिर क्यों इंतजार किया जा रहा है. हमने देखा है कि बीजेपी को 11 नवंबर तक अपना पक्ष रखने को कहा गया है. संजय राउत ने कहा कि कांग्रेस राज्य की दुश्मन नहीं है, हमारे बीच राजनीतिक मतभेद हैं लेकिन हम दुश्मन नहीं हैं.
उन्होंने कहा कि उद्धव ठाकरे ने पहले ही साफ किया है कि राज्य की स्थिति को बिल्कुल साफ करना चाहिए. बीजेपी अगर सबसे बड़ी पार्टी है तो उन्हें 24 घंटे में सरकार बना लेनी चाहिए, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया. यही कारण है कि राज्यपाल को ये निर्णय लेना पड़ा.
'मुख्यमंत्री शिवसेना का ही होगा'
संजय राउत ने कहा कि हम शुरू से कह रहे हैं कि इस बार मुख्यमंत्री शिवसेना का ही होगा, मुझे नहीं लगता कि भाजपा के पास बहुमत का आंकड़ा है. ये उनका कॉन्फिडेंस ही है जो वो कहते हैं कि मुख्यमंत्री भाजपा का होगा. कांग्रेस विधायकों के टूटने की खबर पर उन्होंने कहा कि मुझे नहीं लगता है कि कांग्रेस विधायक टूटेंगे, हमारे लीडर कोई बिजनेसमैन नहीं हैं.
उन्होंने कहा कि अगर कोई सरकार बनाने को राजी नहीं है, तो शिवसेना जिम्मेदारी लेने को तैयार है. उद्धव ठाकरे होटल में शिवसेना के विधायकों से मुलाकात करेंगे, किसी को भी खरीदा नहीं जा रहा है. अयोध्या फैसले पर संजय राउत ने कहा कि शिवसेना का इसमें बड़ा योगदान रहा है.
गौरतलब है कि महाराष्ट्र में 24 अक्टूबर को नतीजे आने के बाद से ही सरकार बनाने को लेकर दंगल जारी है. भाजपा-शिवसेना के गठबंधन को बहुमत तो मिला था, लेकिन दोनों दलों में बात नहीं बन पाई. शिवसेना अपनी मांगों पर अड़ी है, दूसरी ओर देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे चुके हैं.