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महाराष्ट्र: सरकार गठन से पहले और मजबूत हुई शिवसेना, 2 विधायकों का मिला समर्थन

महाराष्ट्र में सरकार गठन से पहले शिवसेना अपने सियासी समीकरण को दुरुस्त करने में जुट गई है. इस दिशा में शिवसेना को एक बड़ी सफलता मिली है. प्रहार जनशक्ति पार्टी ने शिवसेना को समर्थन दे दिया है.

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प्रहार जनशक्ति पार्टी के विधायक उद्धव ठाकरे को समर्थन देते हुए
प्रहार जनशक्ति पार्टी के विधायक उद्धव ठाकरे को समर्थन देते हुए

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  • शिवसेना को प्रहार जनशक्ति पार्टी का समर्थन
  • सरकार गठन से पहले शिवसेना को समर्थन

  • दो निर्दलीय विधायक पहले ही आ चुके हैं साथ

महाराष्ट्र में सरकार गठन से पहले शिवसेना अपने सियासी समीकरण को दुरुस्त करने में जुट गई है. इस दिशा में शिवसेना को एक बड़ी सफलता मिली है. प्रहार जनशक्ति पार्टी ने शिवसेना को समर्थन दे दिया है. प्रहार जनशक्ति पार्टी से दो विधायक जीतकर आए हैं. ये दोनों विधायक महाराष्ट्र विदर्भ इलाके चुने गए हैं.

प्रहार जनशक्ति पार्टी के विधायक बच्चू कडू ने शनिवार की रात उद्धव ठाकरे से मातोश्री में जाकर मुलाकात कर उन्हें समर्थन पत्र सौंपा. प्रहार जनशक्ति पार्टी के विधायक बच्चू कडू अचलपुर सीट से चुनकर आए हैं तो राजकुमार पटेल मेलघाट सीट से विधायक बने हैं.

दो निर्दलीय विधायक दे चुके हैं समर्थन

शिवसेना को यह दूसरी सफलता मिली है. इससे पहले शिवसेना से बगावत कर निर्दलीय चुनाव जीतने वाले दोनों विधायकों ने पहले ही अपने समर्थन का ऐलान कर दिया है. इसमें रामटेक सीट से आशीष जायसवाल और भंडारा सीट से नरेंद्र भोंडेकर निर्दलीय विधायक चुने गए हैं. इन दोनों विधायकों ने शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे को समर्थन की घोषणा कर चुके हैं. ये दोनों विधायक चुनाव में टिकट न मिलने के चलते शिवसेना से बगावत कर निर्दलीय चुनाव लड़े और जीतकर विधायक बने हैं.

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बता दें कि महाराष्ट्र में बीजेपी-शिवसेना के बीच सरकार बनाने को लेकर उठापटक जारी है.  महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए शिवसेना 50-50 का फॉर्मूला पर कायम है. शिवसेना ने सीएम पद को लेकर लिखित आश्वासन मांगा है. शिवसेना के टिकट पर सिल्लोड से जीत हासिल करने वाले विधायक अब्दुल सत्तार ने कहा कि वे आदित्य ठाकरे को मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं.

उन्होंने दावा किया कि बीजेपी और शिवसेना ने गठबंधन के दौरान तय किया था कि राज्य में पहले 2.5 साल शिवसेना का मुख्यमंत्री होगा, इसके बाद अगले ढाई साल बीजेपी का सीएम होगा. हालांकि, बीजेपी किसी भी सूरत में सीएम पद नहीं छोड़ना चाहती है.

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