महाराष्ट्र में अभी तक सरकार बनने पर मंथन ही चल रहा है. पहले शिवसेना और भारतीय जनता पार्टी के बीच जुबानी जंग चल रही थी, अब बीजेपी-शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस की ओर से सरकार बनाने के लिए हलचल तेज हो गई है. रविवार को शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे की अगुवाई में पार्टी विधायकों की बैठक हुई लेकिन इसबार कुछ नया हुआ. बैठक में उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री बनाने की मांग उठी, जबकि इससे पहले शिवसेना लगातार आदित्य ठाकरे को CM बनाने के लिए कह रही थी.
विधायकों की मांग- उद्धव बनें मुख्यमंत्री
शिवसेना के विधायक मुंबई के होटल रीट्रीट में रुके हुए हैं, जहां पर रविवार को उद्धव ठाकरे सभी से मुलाकात करने पहुंचे. उद्धव जब बैठक में पहुंचे तो उनके साथ उनकी पत्नी भी थीं. बैठक शुरू हुई तो विधायकों ने सरकार गठन को लेकर अपनी राय रखनी शुरू की और इस बार आदित्य नहीं बल्कि उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री बनाने के लिए मांग शुरू हुई.
होटल में विधायकों से मिले उद्धव
बैठक में उठी इस मांग से पहले मुंबई की सड़कों पर रविवार को ही उद्धव को मुख्यमंत्री बनाने की मांग करते हुए पोस्टर भी चस्पा किए गए थे. उद्धव ठाकरे के निवास ‘मातोश्री’ के बाहर शिवसेना समर्थकों ने उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री बनाने की मांग की गई है.
Maharashtra: A poster which reads 'Maharashtra needs Uddhav Thackeray (Shiv Sena chief) as CM' has been put up outside Matoshree (Thackeray residence), in Mumbai. pic.twitter.com/Ez2UiVb38r
— ANI (@ANI) November 10, 2019
क्या आदित्य के नाम पर नहीं बनी सहमति?
शिवसेना की ओर से लगातार भारतीय जनता पार्टी के साथ मुख्यमंत्री पद को लेकर बहस चल रही थी. शिवसेना समर्थकों की मांग थी कि इस बार शिवसेना का सीएम होना चाहिए, इसी बीच लगातार आदित्य ठाकरे के समर्थन में पोस्टर और बयान देखने को मिल रहे थे. हालांकि, अब अचानक आदित्य का नाम पीछे छोड़ उद्धव ठाकरे का नाम मुख्यमंत्री पद के लिए कैसे आया, इसका कोई पुख्ता कारण नहीं बताया गया है.
शिवसेना लगातार भाजपा को इस बात के लिए कह रही थी कि वह उसके बिना भी सरकार बना सकती है. शिवसेना की ओर से कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस (NCP) के लिए भी बीते दिनों में सॉफ्ट बयान दिए जा रहे थे. ऐसे में कयास ये भी लग रहा है कि तीनों पार्टियों के बीच सरकार गठन को लेकर कुछ खिचड़ी पक रही है.
गौरतलब है कि महाराष्ट्र में चुनाव के नतीजे आने के बाद से ही शिवसेना और भाजपा में जुबानी जंग चल रही थी. शिवसेना की मांग थी कि 50-50 फॉर्मूले के तहत कैबिनेट का बंटवारा हो जिसमें मुख्यमंत्री पद भी शामिल है. उद्धव ठाकरे ने खुद प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि उन्होंने बाला साहेब ठाकरे को वादा किया था कि एकदिन शिवसेना का मुख्यमंत्री होगा.