महाराष्ट्र में बिजली दरों को कम करने को लेकर चल रहे विवाद के बीच आईआईटी बॉम्बे ने बिजली की खपत कम करने का अलग ही तरीका ढूंढ निकाला है. इसके तहत एक सोलर प्लांट तैयार किया है, जिससे कैंपस में रहने वाले लोगों को बिजली की सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी.
जानकारी के अनुसार मंगलवार को लॉन्च किए गए इस पावर प्लांट की क्षमता 1 मेगावाट है. सोलर प्लांट को बनाने वाले प्रोफेसर चेतन सोलंकी का कहना है कि अभी तक कैंपस में रहने वाले लोगों को 10 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली का बिल चुकाना पड़ता था, लेकिन इस प्लांट की वजह से अब यह घटकर लगभग 5 रुपये प्रति यूनिट हो जाएगा.
सोलंकी कहते हैं, 'आईआईटी का हर महीने का बिजली बिल लगभग 2 करोड़ रुपये आता है. लेकिन अब इस सोलर प्लांट के कारण बिजली की खपत में कमी आएगी, जिससे कम पैसे देने होंगे.' उनके मुताबिक सोलर प्लांट को बनाने में लगभग दो महीने का समय लगा और उन्होंने इसका पूरा काम कॉन्ट्रेक्ट पर करवाया.'
करोड़ों की लागत से तैयार हुआ प्लांट
आईआईटी बॉम्बे के इस सोलर प्लांट में कुल 4000 सोलर प्लेट्स लगी हैं. इसमें प्लेट्स के साथ ही एक यंत्र लगा हुआ है जो चार्ज होने की क्वांटिटी और चार्जिंग स्पीड के बारे बताता है. इस प्रोजेक्ट में कुल 8.4 करोड़ रुपये की लागत आई है.
विशेषज्ञों के अनुसार, इस सोलर प्लांट के लॉन्च होने से अब हर महीने आईआईटी बॉम्बे को बिजली बिल के रूप में 2 लाख रुपये की बचत होगी. इस प्लांट कि सबसे खास बात यह है कि इसका कनेक्शन एक ही जगह पर रखा गया है. यानी जिस बिल्डिंग को इसकी जरूरत होगी वो बिल्डिंग नंबर के हिसाब से लगी बटन को स्विच करके इस पावर का इस्तेमाल कर पाएगा.