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Eknath Shinde: क्या सरकार बचा पाएंगे उद्धव ठाकरे? महाराष्ट्र विधानसभा में ये है सीटों का गणित

महाराष्ट्र में शिवेसना (Shivsena) नेता एकनाथ शिंदे के बगावत के बाद उद्धव सरकार पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं. राज्यसभा और विधान परिषद चुनाव में मिली मात के बाद उद्धव सरकार के सामने सरकार को बचाए रखने की चुनौती खड़ी हो गई है, क्योंकि एकनाथ शिंदे के साथ 20 विधायक सूरत पहुंच गए हैं.

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महाराष्ट्र ,सीएम उद्धव ठाकरे
महाराष्ट्र ,सीएम उद्धव ठाकरे
स्टोरी हाइलाइट्स
  • महाराष्ट्र में उद्धव सरकार पर संकट के बादल छाए
  • शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे ने बगावत का झंडा उठाया
  • महाराष्ट्र विधानसभा में बहुमत के लिए 144 विधायक चाहिए

महाराष्ट्र में विधान परिषद चुनाव में मिली हार के साथ ही शिवसेना में बगावत छिड़ गई है. शिवसेना के वरिष्ठ विधायक और कैबिनेट मंत्री एकनाथ शिंदे के गुजरात पहुंचने के बाद उद्धव सरकार पर संकट गहरा गया है. एकनाथ शिंदे 20 विधायकों के साथ सूरत के एक होटल में मौजूद हैं. इसमें शिवेसना और उद्धव सरकार का समर्थन करने वाले कई निर्दलीय विधायक भी शामिल हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि एकनाथ शिंदे के बागी होने के बाद सीएम उद्धव को सत्ता बचाए रखने की चुनौती खड़ी हो गई है. 

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बता दें कि महाराष्ट्र में राज्यसभा चुनाव के बाद विधान परिषद के चुनाव में भी महा विकास अघाड़ी सरकार में शामिल दलों के विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की है. बीजेपी के पास विधानसभा में 106 विधायक हैं. निर्दलियों को मिलाकर यह संख्या 113 पहुंच रही थी. लेकिन राज्यसभा चुनाव में उसे 123 वोट मिले तो एमएलसी चुनाव में 134 वोट मिले हैं. इस तरह एकनाथ शिंदे के खुलकर बगावत का झंडा उठाने के बाद सीएम उद्धव ठाकरे के सामने सियासी संकट खड़ा हो गया है. 

महाराष्ट्र की विधानसभा में कुल 288 सदस्य हैं, इसके लिहाज से सरकार बनाने के लिए 145 विधायक चाहिए. शिवसेना के एक विधायक का निधन हो गया है, जिसके चलते अब 287 विधायक बचे हैं और सरकार के लिए 144 विधायक चाहिए. बगावत से पहले शिवेसना की अगुवाई में बने महा विकास अघाड़ी के 169 विधायकों का समर्थन हासिल था जबकि बीजेपी के पास 113 विधायक और विपक्ष में 5 अन्य विधायक हैं. 

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महा विकास अघाड़ी के पास कितना नंबर 
उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली सरकार को 169 विधायकों का समर्थन हासिल था. इसमें शिवसेना के  56,  एनसीपी के 53 और कांग्रेस के 44 विधायक शामिल थे. इसके अलावा सपा के 2, पीजीपी के 2, बीवीए के 3 और 9 निर्दलीय विधायकों का समर्थन भी सरकार को हासिल था.  

बीजेपी के पास 113 विधायक
महाराष्ट्र में मुख्य विपक्षी दल बीजेपी के पास 113 विधायकों का समर्थन है. इसमें बीजेपी के 106, आरएसपी के 1, जेएसएस के 1 और 5 निर्दलीय विधायक शामिल हैं. वहीं, अन्य दलों के पास 5 विधायक हैं. इसमें AIMIM के 2, सीपीआई का (एम) 1 और एमएनएस का 1 विधायक शामिल हैं. 

दिलचस्प बात यह है कि साल 2019 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी और शिवसेना ने मिलकर चुनाव लड़ा था, लेकिन सत्ता के लिए दोनों ही दलों की राहें जुदा हो गई थीं. शिवसेना ने बीजेपी के साथ गठबंधन तोड़ कर अपने विरोधी विचारधारा वाले दलों कांग्रेस और एनसीपी के साथ मिलकर सरकार बनाई थी. उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री बने और उनकी सरकार ढाई साल का वक्त पूरा कर चुकी है.  

हालांकि, उद्धव ठाकरे की अगुवाई में सरकार बनने के बाद से ही बीजेपी के कई बड़े नेता दावा करते रहे कि महा विकास आघाड़ी सरकार जल्दी गिरने वाली है. ऐसे में शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे के बगावत के बाद क्या उद्धव सरकार गिर सकती है. इसके लिए महाराष्ट्र की विधानसभा में विधायकों का सियासी गणित को समझना होगा. ऐसे में सत्ता के खेल बनाने और बिगाड़ने में निर्दलीय और अन्य छोटे दलों की भूमिका अहम होना वाली है. 

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महाराष्ट्र में छोटी पार्टियों और निर्दलीय विधायकों की संख्या 29 है. इसमें से कुछ छोटे दल और निर्दलीय विधायक बीजेपी के साथ हैं तो कुछ महा विकास अघाड़ी के साथ. बीजेपी के पास 113 विधायकों का समर्थन है जबकि विकास अघाड़ी के पास 169 विधायक हैं. ऐसे में बीजेपी को महाराष्ट्र में अपनी सरकार बनाने के लिए 31 विधायकों के समर्थन का जुगाड़ करना होगा.

एकनाथ शिंदे के साथ कौन-कौन विधायक गुजरात गया?
एकनाथ शिंदे के साथ 26 विधायकों के होने का दावा किया जा रहा है, जिसमें उद्धव सरकार में शामिल कई मंत्री भी हैं. प्रकाश सर्वे, महेश शिंदे, संजय शिंदे, संजय बंगारी, अब्दुल सत्तार (मंत्री), ज्ञानेश्वर चौगुले, शंभूराज देसाई (मंत्री), भारतगोगावाले,  संजय राठौड, डॉ संजय रायमुलकरी शिवसेना के हैं. निर्दलीय विधायक चंद्रकांत पाटिल भी हैं. विधायकों के साथ शिवसेना सांसद डॉ श्रीकांत शिंदे भी हैं, जो एकनाथ शिंदे के बेटे हैं. 

कैसे शिंदे ने बिगाड़ दिया उद्धव ठाकरे का गणित

एकनाथ शिंदे के साथ बगावत करने वाले 26 विधायक हैं, जो उद्धव सरकार के साथ थे. ऐसे में अब उद्धव सरकार से इन 26 विधायकों का समर्थन हटा देते हैं तो 143 विधायक बचते हैं. ऐसे में निर्दलीय व अन्य छोटी पार्टियों के 2 से 3 विधायक अगर ठाकरे सरकार का साथ छोड़ देते हैं तो यह लगभग तय है कि ठाकरे सरकार के लिए विधानसभा में बहुमत साबित करना मुश्किल हो जाएगा? हालांकि, इस तरह से बहुमत के कम नंबर पर महा विकास आघाड़ी आ गई है. 

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महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे के अगुवाई में बनी महा विकास अघाड़ी सरकार ने बीजेपी को सत्ता से बाहर रखने के लिए विपक्षी दलों का एक कामयाब फ़ॉर्मूला माना गया था. लेकिन जिस तरह से भगदड़ मची है, उससे उद्धव सरकार पर संकट गहरा गया है. एनसीपी के दो विधायक जेल में हैं, जिसके चलते राज्यसभा और विधान परिषद चुनाव में वोट नहीं दे सके हैं. ऐसे में उद्धव सरकार की चिंता एकनाथ शिंदे ने बढ़ा दी है और अब देखना है कि कैसे महा विकास अघाड़ी सरकार को उद्धव किस तरह से बचाते हैं. 

 

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