महाराष्ट्र के सांगली जिले के वालवा तहसील में ग्राम पंचायत ने भविष्य के चुनावों में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) की जगह बैलेट पेपर से मतदान कराने के समर्थन में एक प्रस्ताव पारित किया है. ग्राम सभा के एक सदस्य ने बताया कि यह कदम संविधान की रक्षा और लोकतंत्र को मजबूत करने के उद्देश्य से उठाया गया है.
न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक बाहे गांव पश्चिमी महाराष्ट्र का शायद दूसरा ऐसा गांव है, जिसने ईवीएम को हटाकर बैलेट पेपर से चुनाव कराने का प्रस्ताव पारित किया है. इससे पहले, दिसंबर में सतारा जिले की कराड (दक्षिण) विधानसभा क्षेत्र के कोलेवाड़ी गांव की ग्राम सभा ने भी इसी तरह का प्रस्ताव पारित किया था.
बाहे ग्राम सभा के एक सदस्य ने कहा, 'हमारी ग्राम सभा ने हाल ही में यह प्रस्ताव पारित किया है कि भविष्य में सभी चुनाव बैलेट पेपर के माध्यम से कराए जाएं, हम अन्य गांवों और उनकी ग्राम पंचायतों से भी अपील करते हैं कि वे भी इसी तरह के प्रस्ताव पारित करें ताकि संविधान और लोकतंत्र की रक्षा हो सके.'
गांव के लोगों ने इस प्रस्ताव को तहसीलदार को सौंप दिया है. गौरतलब है कि नवंबर में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में बीजेपी और उसके सहयोगियों की जीत के बाद विपक्षी दलों द्वारा ईवीएम की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए गए थे. इसी संदर्भ में विभिन्न गांवों में बैलेट पेपर की मांग उठ रही है.
सोलापुर जिले के मालशिरस विधानसभा क्षेत्र के मर्कडवाड़ी गांव में भी कुछ ग्रामीणों ने ईवीएम पर संदेह जताते हुए बैलेट पेपर पर मॉक पोल कराने की कोशिश की थी. वहां एनसीपी (एसपी) उम्मीदवार की जीत का अंतर काफी कम रह गया था, जिससे लोगों में ईवीएम की निष्पक्षता को लेकर संदेह पैदा हुआ.