महाराष्ट्र के सियासी गलियारों में चर्चा है कि बीजेपी-शिवसेना के गठबंधन में सबकुछ सही नहीं चल रहा है. ठाणे सीट पर दावे को लेकर बीजेपी और शिवसेना के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है. बीजेपी विधायक ने शिवसेना पर हमला किया है. साथ ही कहा कि बीजेपी की मदद के बिना ठाणे जिले में कोई नहीं जीत सकता है. बीजेपी नेता ने ये टिप्पणी शिवसेना सांसद और मुख्यमंत्री के बेटे श्रीकांत शिंदे के उस बयान के बाद की है, जिसमें उन्होंने स्थानीय भाजपा इकाई को निशाना बनाते हुए शिवसेना-बीजेपी गठबंधन को कमजोर कर स्वार्थी राजनीति करने का आरोप लगाया था.
ठाणे के भाजपा विधायक संजय केलकर ने दावा किया कि बीजेपी की मदद के बिना ठाणे जिले में कोई नहीं जीत सकता है. इस तरह की सेवा हमने इस क्षेत्र में वर्षों से की है. हालांकि, मुझे आश्चर्य होता है जब कुछ लोग यहां हर निर्वाचन क्षेत्र पर अपना दावा करते हैं, लेकिन रविवार को ठाणे में महा जनसंपर्क अभियान की एक बैठक में केलकर ने दावा किया कि पूरा जिला कभी भाजपा का था.
केलकर ने कहा कि ठाणे हो, कल्याण हो या पालघर, हर लोकसभा क्षेत्र पर कभी बीजेपी का अधिकार था, केलकर ने पार्टी कैडर से आग्रह किया कि अगर वे उनके दावों से सहमत हैं, तो वे हाथ उठाएं. इस दौरान उन्होंने रामभाऊ मालगी, रामभाऊ कापसे और जगन्नाथ पाटिल जैसे दिग्गज नेताओं की लिस्ट गिनाई.
केलकर ने साधा श्रीकांत पर निशाना
सांसद श्रीकांत शिंदे पर हमला करते हुए केलकर ने कहा कि उन्हें खुशी होती अगर कुछ लोगों ने पीएम के पद पर नरेंद्र मोदी को फिर से चुनने के लिए एक साथ काम करने का नाटक करने के बजाय अपने निर्वाचन क्षेत्र में पीएम मोदी की योजनाएं लागू की होतीं.
केलकर ने लगाया था हेराफेरी का आरोप
इससे पहले इस साल फरवरी में भी संजय केलकर ने ठाणे नगर निगम पर विकास निधि की हेराफेरी का आरोप लगाया था और नगर निगम प्रमुख से भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कहा था. ठाणे नगर निगम महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का गढ़ माना जाता है.
सीएम के बेटे ने क्या कहा था?
कल्याण लोकसभा सीट से सांसद श्रीकांत शिंदे ने बीजेपी के कुछ नेताओं पर शिवसेना-बीजेपी गठबंधन को कमजोर कर स्वार्थी राजनीति करने का आरोप लगाया था. दरअसल, हाल ही में बीजेपी नेताओं की स्थानीय इकाई द्वारा कल्याण लोकसभा क्षेत्र में आयोजित एक बैठक में पारित किया गया था. इसमें फैसला किया गया था कि इस सीट पर बीजेपी शिवसेना का समर्थन नहीं करेगी. इसके बाद श्रीकांत ने कहा कि 2024 में हम और देश के सभी लोग नरेंद्र मोदी को इस देश के प्रधानमंत्री के रूप में दोबारा चुनना चाहते हैं, लेकिन डोंबिवली के कुछ नेता किन्हीं कारणों से शिवसेना-बीजेपी गठबंधन में नमक छिड़कने की स्वार्थी राजनीति कर रहे हैं.
मुझे किसी पद की आकांक्षा नहींः श्रीकांत
श्रीकांत ने कहा था कि "मुझे व्यक्तिगत रूप से किसी पद की आकांक्षा नहीं है, शिवसेना-भाजपा गठबंधन के वरिष्ठ नेता इस बात का फैसला करेंगे कि आगामी लोकसभा चुनाव में किसे नामित किया जाए.अगर मेरा नामांकन नहीं भी होता है तो हम एकमत होकर जो भी उम्मीदवार होगा उसके लिए प्रचार करेंगे और उसे जिताएंगे. अगर कोई इस दिशा में हमारे द्वारा किए जा रहे काम का विरोध करता है, अगर कोई नाराज होता है और अगर गठबंधन में कोई व्यवधान आता है तो मैं अपने पद से इस्तीफा देने के लिए तैयार हूं.
शिवसेना ने बीजेपी पर किया पलटवार
शिवसेना के प्रवक्ता नरेश म्हस्के ने कहा कि जब वरिष्ठ नेता निर्णय लेते हैं, तो हमारे जैसे नेताओं को अपनी सीमाओं को पहचानना चाहिए और उन सीमाओं के भीतर बोलना चाहिए. आज सत्ता का लाभ बहुतों को मिला है. रवींद्र चव्हाण लोक निर्माण विकास (पीडब्ल्यूडी) मंत्री बने हैं. शिवसेना हो या बीजेपी, सत्ता से सभी को फायदा है. डॉ. श्रीकांत शिंदे युवा सांसद हैं, उन्होंने अपने विधानसभा क्षेत्र में हजारों करोड़ रुपये का काम किया है, उन्होंने रेलवे का मसला सुलझाया है. म्हस्के ने पूछा कि जब आपके सीएम (फडणवीस) थे तो उन्होंने अपने निर्वाचन क्षेत्र में क्या किया?