महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री, उद्धव ठाकरे गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सीएम की बैठक में शामिल नहीं हुए. कोरोना को लेकर केंद्र द्वारा महाराष्ट्र को 'चिंता की स्थिति' में बताए जाने एक दिन बाद ऐसा हुआ है. इसके अलावा, सार्वजनिक स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे, जो राज्य सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे थे, को बैठक में बोलने की अनुमति नहीं दी गई और उन्हें लिखित में अपनी बात रखनी पड़ी.
टोपे ने कहा कि राज्य में वैक्सीन की कमी है और उन्होंने कोवैक्सिन की 40 लाख खुराक और कोविशील्ड की 50 लाख खुराक की आपूर्ति की मांग की. बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए टोपे ने कहा कि ठाकरे खराब स्वास्थ्य के कारण बैठक में शामिल नहीं हुए थे. “डॉक्टरों ने सीएम को सलाह दी है कि उनका एक ही स्थान पर लगातार 2 से 3 घंटे बैठना ठीक नहीं होगा. इसलिए सीएम ने बैठक छोड़ दी और मुझे राज्य से प्रतिनिधित्व करने के लिए कहा था.
मंत्री ने आगे कहा कि अपने लिखित निवेदन में वे अतिरिक्त वैक्सीन खुराक की मांग करते हैं क्योंकि महाराष्ट्र के कई जिलों में कोवैक्सिन की कमी की सूचना है. टोपे ने कहा, "हमारे पास कोवैक्सिन की कमी है क्योंकि यह 15-18 साल के बच्चों को दिया जा रहा था और अब इसे वरिष्ठ नागरिकों और स्वास्थ्य कर्मियों को एहतियात के तौर पर देना है."
मंत्री के बयान के साथ ही केंद्र बनाम राज्य बहस शुरू हो गई है. उन्होंने दावा किया कि गुरुवार तक महाराष्ट्र में 32,48,205 खुराक उपलब्ध रहीं और औसतन 3.01 लाख जैब्स का स्टॉक 11 दिनों तक चलेगा. इसी तरह, राज्य के पास 1,34,02,420 कोविशील्ड खुराक है, जिसे समाप्त होने में औसतन 33.91 दिन लगते हैं.
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने बैठक में सीएम के न होने पर चिंता व्यक्त की. उन्होंने कहा “राज्य तीसरी कोविड लहर से जूझ रहा है जो गंभीर है. इसके बावजूद ठाकरे महाराष्ट्र विधानसभा के पूरे शीतकालीन सत्र और अब पीएम की अध्यक्षता में महत्वपूर्ण बैठक से अनुपस्थित रहे. क्या उन्हें राज्य की चिंता है?”