मालेगांव बम ब्लास्ट केस में बॉम्बे हाईकोर्ट ने चार आरोपियों को जमानत दी है. शुक्रवार सुबह हाईकोर्ट ने लोकेश शर्मा, धन सिंह, राजेंद्र चौधरी और मनोहर नरवारिया को जमानत दी.
इससे पहले मालेगांव ब्लास्ट केस में भोपाल से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर शुक्रवार को विशेष एनआईए अदालत में पेश हुईं. उन्होंने कहा कि वर्ष 2008 के मालेगांव बम विस्फोट की उन्हें कोई जानकारी नहीं है. दूसरे आरोपी सुधाकर द्विवेदी ने भी विशेष अदालत के सामने प्रज्ञा जैसा ही बयान दिया.
Malegaon blasts case: Bombay High Court grants bail to four accused Lokesh Sharma, Dhan Singh, Rajendra Chaudhary, & Manohar Narwariya.
— ANI (@ANI) June 14, 2019
विशेष अदालत इस मामले की सुनवाई 29 सितंबर, 2008 से ही कर रही है. महाराष्ट्र के नासिक जिले स्थित मालेगांव में जुम्मे की नमाज के दिन एक मस्जिद के पास विस्फोट किया गया था, जिसमें छह लोगों की मौत हुई थी और 100 घायल हुए थे.
प्रज्ञा के अलावा इस मुकदमे का सामना द्विवेदी और लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित कर रहे हैं. एनआईए हालांकि प्रज्ञा को क्लीनचिट दे चुकी है, फिर भी एनआईए की विशेष अदालत उन्हें इस मामले से बरी करने से इनकार कर चुकी है. प्रज्ञा और अन्य आरोपियों पर गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, विस्फोट अधिनियम और भारतीय दंड संहिता के तहत मुकदमा चल रहा है. अदालत हालांकि महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण कानून (मकोका) के तहत इन सभी पर लगे कड़े आरोप हटा लिए हैं.
एनआईए ने इस मामले की जांच की जिम्मेदारी अप्रैल, 2011 में महाराष्ट्र आतंकरोधी दस्ता (एटीएस) से अपने पास ले ली थी. आरोपपत्र में प्रज्ञा, पुरोहित और द्विवेदी के अलावा अन्य 14 लोगों के नाम हैं, जिनमें मेजर रमेश उपाध्याय, समीर कुलकर्णी, राकेश धवाडे, प्रवीण तकालकी और सुधाकर चतुर्वेदी भी शामिल हैं. इस मामले में शिवनारायण कलसांग्रा, श्याम साहू, अजय राहिरकर और जगदीश म्हात्रे को जमानत मिल चुकी है, जबकि दो अन्य-संदीप डांगे और रामचंद्र कलसांग्रा अब तक फरार हैं.