महाराष्ट्र में होली से पहले झटका और हलाल मीट को लेकर नई सियासत सुलग गई है. महाराष्ट्र के मत्स्य पालन मंत्री नीतेश राणे ने ऐलान किया है कि अब मटन के अलग-अलग सर्टिफिकेट दिए जाएंगे. राणे ने साफ किया कि हिंदू दुकानदारों को झटका मटन का सर्टिफिकेट दिया जाएगा. ये दुकानें केवल हिंदू विक्रेता ही चलाएंगे. यानी हिंदू बेहिचक इन दुकानों से मटन खरीद पाएंगे. इन दुकानों में शुद्धता की पूरी गारंटी रहेगी.
झटका मीट सप्लायर्स के लिए मल्हार सर्टिफिकेशन डॉट कॉम (https://www.malharcertification.com) नाम से एक सर्टिफिकेशन प्लेटफॉर्म बनाने की भी घोषणा की गई है. रजिस्ट्रेशन के बाद उन्हें मल्हार सर्टिफिकेट मिलेंगे. राज्य के सभी झटका मटन की दुकानों को 'मल्हार' नामक प्रमाणन के तहत पंजीकृत किया जाएगा.
सहयोगी दल बना रहे हैं दूरी!
मंत्री नीतेश राणे ने हलाल के मुकाबले मल्हार का राग तो छेड़ दिया है लेकिन इस राग में उनके साथी ही दूरी बना रहे हैं. ना तो बीजेपी ने इसे अपना समर्थन दिया है और ना ही अजित पवार की एनसीपी के नेता नीतेश राणे के आइडिया के साथ खड़े हैं.
क्या बोले NCP नेता
मल्हार और हलाल मुद्दे पर नितेश राणे को अपने गठबंधन सहयोगी से ही विरोध का सामना करना पड़ रहा है. एनसीपी एमएलसी अमोल मिटकारी ने कहा, मैं नितेश राणे से क्या कहूं. अब वे बड़े मंत्री बन गए हैं. वे जो कह रहे हैं, वह उनका निजी विचार है. हमारी विचारधारा शाहू, फुले, अंबेडकर की है, हम उसी पर चलते रहेंगे.
AAP बोली- समाज को बांट रहे
महाराष्ट्र में मल्हार सर्टिफिकेट पर AAP सांसद मलविंदर सिंह कांग ने कहा, सबसे बड़ा बीफ निर्यातक हिंदू समुदाय से आता है. नीतीश राणे जैसे नेता बीजेपी में अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए समाज को बांट रहे हैं.
सपा बोली- क्या सरकार समर्थन करती है
सपा विधायक रईस शेख ने मल्हार और हलाल मुद्दे का समर्थन किया है. उन्होंने कहा, पहली बार मंत्री नितेश राणे ने विकल्प का समर्थन किया है. अगर लोगों को मल्हार का मांस चाहिए तो वे इसे खा सकते हैं. अगर वे चाहें तो इसे खा सकते हैं. नितेश राणे को यह भी स्पष्ट करना चाहिए कि क्या सरकार मल्हार के उनके इस रुख का समर्थन करती है.
NCP (SP) विधायक रोहित पवार ने कहा, मल्हार सर्टिफिकेट कंपनी प्राइवेट है. अगर सरकार की योजना है तो सीएम को उद्घाटन करना चाहिए था. पहले ये तो बताए कि कंपनी किसकी है.
जितेंद्र आव्हाड ने कहा, कृपया इसे जारी करें ताकि दो समुदायों के बीच अशांति हो सके. बचपन से हम मटन खाते आ रहे हैं. हमने कभी दुकानदार का धर्म नहीं पूछा. अब सरकार की ओर से कोशिश की जा रही है कि खाने की आदतों में प्रतिद्वंद्विता हो.
शिंदे सेना के सांसद नरेश म्हास्के ने कहा, इसमें क्या गलत है. .नीतेश राणे ने कुछ गलत नहीं कहा है.
बीजेपी विधायक राम कदम ने कहा, लोग क्या खाना चाहते हैं, यह उनकी पसंद है? यह अच्छी बात है कि नितेश राणे ने इस विषय को उठाया है. विपक्ष बिना किसी कारण के इस मुद्दे का राजनीतिकरण करने की कोशिश कर रहा है.
नितेश राणे का कहना था कि अब कोई मिलावट नहीं होगी. हम सुनते थे कि कुछ लोग इसमें थूकते हैं जो अब नहीं हो सकेगा. इस मल्हार प्रमाणीकरण का अधिक से अधिक उपयोग किया जाना चाहिए और हिंदुओं को मल्हार प्रमाणीकरण के बिना दुकानों से मटन नहीं खरीदना चाहिए. यही मैं लोगों से अपील करता हूं.