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पिता ने 2 नाबालिग बेटियों का किया यौन उत्पीड़न, मिली 6 साल जेल की सजा

अदालत ने कहा कि बेटियां अपने पिता के हाथों में सुरक्षित और संरक्षित महसूस करती हैं, लेकिन ऐसी घटनाएं 'पीड़ित लड़कियों के मानसिक और सामाजिक स्वास्थ्य को प्रभावित करती हैं.'

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सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीर

मुंबई की एक विशेष अदालत ने 54 वर्षीय एक व्यक्ति को अपनी दो किशोर बेटियों का यौन उत्पीड़न करने के लिए छह साल के कारावास की सजा सुनाई है. अदालत ने कहा कि पीड़ितों के दर्द को 'मापा नहीं जा सकता' क्योंकि अपराध उनके अपने पिता ने किया था. 

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मंगलवार को दिए गए अपने आदेश में अदालत ने कहा कि बेटियां अपने पिता के हाथों में सुरक्षित और संरक्षित महसूस करती हैं, लेकिन ऐसी घटनाएं 'पीड़ित लड़कियों के मानसिक और सामाजिक स्वास्थ्य को प्रभावित करती हैं.' 

यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (POCSO) अधिनियम के तहत दर्ज मामलों की सुनवाई कर रही विशेष अदालत की न्यायाधीश प्रिया बांकर ने POCSO अधिनियम के प्रावधानों के तहत व्यक्ति को दोषी ठहराया. 

हालांकि, उसे भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 376 (2) (बलात्कार) के तहत लगाए गए आरोपों से बरी कर दिया गया. न्यायाधीश ने कहा कि घटना के समय आरोपी की उम्र 50 वर्ष थी और वह पर्याप्त रूप से परिपक्व था. अदालत ने कहा कि उसने अपनी 16 और 17 साल की नाबालिग बेटियों के साथ एक ही घर में रहते हुए अपराध किया. 

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अदालत ने व्यक्ति को छह साल की जेल की सजा सुनाते हुए कहा, 'चूंकि अपराध उसके अपने पिता द्वारा किया गया है, इसलिए पीड़ित लड़कियों के मानसिक आघात और उत्पीड़न को मापा नहीं जा सकता है और यहां तक ​​कि कोई भी इसे समझ भी नहीं सकता है.' 

लड़कियों ने मां से की शिकायत
अभियोजन पक्ष के अनुसार, आरोपी जून 2020 से लड़कियों के साथ यौन क्रियाकलाप कर रहा था और दोनों पीड़ितों ने फरवरी 2021 में अपनी मां को उसके कृत्यों के बारे में बताया. इसके बाद उनकी मां ने बायकुला पुलिस स्टेशन का दरवाजा खटखटाया और उसके खिलाफ मामला दर्ज कराया गया.

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