महाराष्ट्र के ठाणे में एक युवक को उसके कुछ रिश्तेदार रस्सी से बांधकर मरने के लिए रेल की पटरियों पर छोड़ गए लेकिन उसकी किस्मत अच्छी थी कि उस पटरी पर आने वाली रेलगाड़ी निर्धारित समय से 10 मिनट लेट हो गई और युवक की जान बच गई. प्रदीप यादव नामक इस युवक की उम्र महज 20 साल है और उसकी हत्या की साजिश रचने वाले रिश्तेदार उसे पांच अक्टूबर को रस्सी से बांधकर बोइसर के पास रेल की पटरियों पर लिटा कर मरने के लिए छोड़ गए थे.
मामले की जांच कर रहे बोइसर पुलिस स्टेशन के अधिकारी विश्वास पाटिल ने बताया कि रेलगाड़ी के अपने समय पर न पहुंचने की वजह से प्रदीप को मदद की गुहार लगाने का समय मिल गया.
पाटिल ने बताया, 'प्रदीप की किस्मत अच्छी थी कि एक स्थानीय ग्रामीण ने उसके चिल्लाने की आवाज सुनी और दौड़कर उसकी मदद के लिए पहुंचा, उसने उसके बंधन खोले और पास के नर्सिग होम में इलाज के लिए लेकर गया. उसने नर्सिग होम से ही हमें फोन किया और हम शिकायत दर्ज करने वहां पहुंचे.' पाटिल और उनकी टीम ने प्रदीप के बयान के आधार पर हत्या की साजिश रचने वाले पांच आरोपियों में से दो को गिरफ्तार किया है. उन्हें पालघर अदालत में पेश करने के बाद शुक्रवार तक पुलिस हिरासत में रखा गया है. पाटिल ने बताया, 'हमने प्रदीप के दो चचेरे भाइयों दिनेश यादव और चंद्रबाली यादव को गिरफ्तार किया है और बाकियों की तलाश कर रहे हैं.' प्रदीप की हत्या की साजिश की वजह उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में स्थित पुश्तैनी जमीन और पुराना पारिवारिक विवाद है. बोइसर में सरोवर होटल में वेटर का काम करने वाले प्रदीप का सोमवार को उसके चचेरे भाइयों ने अपहरण कर लिया और स्कॉर्पियो एसयूवी में डाल कर उसकी पिटाई की और रस्सी से बांधकर रेलवे पटरी पर छोड़ गए. पाटिल ने कहा कि सभी आरोपियों पर हिंसा, अपहरण और हत्या की साजिश के मामले दर्ज किए गए हैं.