मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे पाटिल ने राज्य के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर तीखा हमला करते हुए उन्हें 'मराठा विरोधी' करार दिया है. मनोज जरांगे पाटिल ने कहा है कि राज्य सरकार में कुछ भी उनकी मर्जी के बिना नहीं होता और वह वही करते हैं जो उन्हें सही लगता है.
पीटीआई के मुताबिक, उन्होंने यह भी चेतावनी दी है कि अगर मराठा समुदाय को आरक्षण नहीं मिला तो महायुति गठबंधन राज्य में सत्ता में नहीं रहेगा. जरांगे ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि राज्य सरकार "लाडकी बहिण" जैसी योजनाएं तो ला रही है, लेकिन समुदाय को कोटा देने के लिए तैयार नहीं है और कृषि उपज का उचित मूल्य भी नहीं दे रही है.
फडणवीस पर बरसे जरांगे
उन्होंने कहा, "देवेंद्र फडणवीस ने "लाडकी बहिण" योजना शुरू की. अब, जब दिवाली नजदीक है, तो एक और योजना - 'आनंदचा शिधा' (खाद्य किट का वितरण) लाई जाएगी और घटिया सामग्री वितरित की जाएगी...लोगों को समझ आ गया है कि फडणवीस किस तरह की सरकार चला रहे हैं." उन्होंने कहा कि अगर उनकी अगुआई वाली सरकार मराठाओं को आरक्षण नहीं देती है, तो सत्तारूढ़ गठबंधन एक भी सीट नहीं जीत पाएगा.
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फडणवीस की व्यक्तिगत आलोचना के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि हर कोई जानता है कि हर चीज के पीछे फडणवीस हैं और उनकी मर्जी के बिना सरकार में कुछ भी नहीं होता. जरांगे ने कहा, "मेरे खिलाफ (धोखाधड़ी) मामले को देखिए, जो 13 साल बाद उठाया गया. लेकिन मैं जेल जाने पर भी पीछे नहीं हटूंगा."
मराठाओं में दरार पैदा करने की कोशिश- जरांगे
'ऋषि सोयारे' (सगे संबंधी या ब्लड रिलेटिव्स) पर अध्यादेश की स्थिति के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि फडणवीस किसी को भी किसी भी मुद्दे पर काम करने की अनुमति नहीं दे रहे हैं, चाहे वह ब्लड रिलेटिव्स का मुद्दा हो या किसानों से संबंधित हो.
उन्होंने आरोप लगाया, "वह वही करते हैं जो उन्हें सही लगता है. उनके इशारे पर भाजपा के कुछ नेताओं ने मराठाओं में दरार पैदा करना शुरू कर दिया है. हाल ही में उन्होंने इस तरह की खाई पैदा करने के लिए अभियान चलाया. इस तरह की रणनीति से भाजपा को खत्म करने के लिए फडणवीस जिम्मेदार हैं."
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छगन भुजबल से मिले हैं फडणवीस
उन्होंने आरोप लगाया, "फडणवीस मराठों से नफरत करते हैं. मराठों के प्रति उनकी इतनी नफरत है कि वे 'सेज सोयारे' (जन्म से संबंध और विवाह से संबंध) अध्यादेश के काम को नहीं होने दे रहे हैं. उन्हें (राकांपा मंत्री) छगन भुजबल का समर्थन प्राप्त है, जिसके आधार पर समुदायों के बीच जहर फैलाने का काम चल रहा है."
आगामी राज्य विधानसभा चुनाव लड़ने की अपनी योजना के बारे में पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि उम्मीदवार उतारने या विपक्षी उम्मीदवारों को हराने का फैसला समुदाय के साथ बातचीत के बाद लिया जाएगा.