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मराठा आरक्षण के लिए अनशन करने वाले मनोज जारांगे अस्पताल में भर्ती, हालत स्थिर

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने उनसे मुलाकात की और आश्वासन दिया कि सरकार मराठों को कोटा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है, जिसके बाद उन्होंने 14 सितंबर को 17वें दिन अपना अनशन समाप्त कर दिया.

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प्रतीकात्मक तस्वीर
प्रतीकात्मक तस्वीर

मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जारांगे को रविवार को महाराष्ट्र के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया. उनका ब्लड प्रेशर कम हो गया था. फिलहाल जांच में उनके बाकी स्वास्थ मानक सही हैं. मनोज ने हाल ही में 16 दिनों तक अनशन किया था. 

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जारांगे का इलाज करने वाले डॉक्टर के मुताबिक, अनशन के दौरान जारांगे का वजन 8-10 किलोग्राम कम हो गया है. उनका रक्तचाप थोड़ा कम है. किडनी फंक्शन टेस्ट (केएफटी) रविवार को सामान्य था. केएफटी में जारांगे का सीरम क्रिएटिनिन पहले उच्च स्तर पर था जब वह भूख हड़ताल पर थे.

डॉक्टर ने कहा कि जारांगे आईसीयू में नहीं हैं और अगर उन पर किए जाने वाले कुछ और परीक्षणों के नतीजे सामान्य आते हैं तो उन्हें छुट्टी दे दी जाएगी.

जारांगे ने 29 अगस्त को जालना जिले के अंतरवाली सरती गांव में मराठों के लिए ओबीसी कोटा की मांग करते हुए अपनी भूख हड़ताल शुरू की.

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने उनसे मुलाकात की और आश्वासन दिया कि सरकार मराठों को कोटा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है, जिसके बाद उन्होंने 14 सितंबर को 17वें दिन अपना अनशन समाप्त कर दिया.

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