महाराष्ट्र के उपमुख्य मंत्री अजित पवार ने बेटे पार्थ पवार के विवादित ट्वीट से पल्ला झाड़ लिया है. उन्होंने कहा कि पार्थ ने क्या ट्वीट किया, ये देखते रहना ही काम नहीं है मेरे पास, पूरे महाराष्ट्र राज्य की अनेक जिम्मेदारियां मेरे कंधे पर हैं. दरअसल, मराठा आरक्षण को लेकर पार्थ पवार ने राज्य सरकार पर परोक्ष रूप से निशाना साधा था.
बीड जिले के एक मराठा युवक की आत्महत्या पर ट्वीट करते हुए पार्थ पवार ने कहा था, 'मैं विवके रहाड़े की दुखद मौत से द्रवित हूं. इस तरह की दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं की श्रृंखला शुरू होने से पहले मराठा नेताओं को जगाना होगा. इस संकट को हल करने के लिए राज्य सरकार को भी कदम उठाना चाहिए.'
अपने अगले ट्वीट में पार्थ पवार ने कहा था, 'विवेक ने हमारे मन में जो ज्वाला प्रज्वलित की है, वह पूरी व्यवस्था को अस्त-व्यस्त कर सकती है. एक पूरी पीढ़ी का भविष्य दांव पर है. मेरे पास सुप्रीम कोर्ट का रूख करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है, इसलिए अदालत के समक्ष लंबित मराठा आरक्षण मामले में हस्तक्षेप याचिका दायर करूंगा.'
पार्थ पवार के इस ट्वीट को लेकर सियासी बवाल शुरू हो गया था. इस पर पार्थ के पिता और डिप्टी सीएम अजित पवार ने कहा कि हर कोई ट्वीट करने के लिए स्वतंत्र है. उन्होंने कहा कि उनकी बहन सांसद सुप्रिया सुले ने मराठा आरक्षण के बारे में पहले ही भूमिका स्प्ष्ट की हुई है, वही भूमिका एनसीपी की है कि समाज के प्रत्येक घटक को उनका हक, आरक्षण मिलना चाहिए.