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मराठा आरक्षण का रास्ता साफ, फडणवीस सरकार ने बिल को दी मंजूरी

मराठा आरक्षण को लेकर महाराष्ट्र कैबिनेट ने एक बड़ा फैसला लिया है. महाराष्ट्र में अब मराठा जाति से जुड़े लोगों को सामाजिक, शैक्षणिक आधार पर आरक्षण दिया जाएगा. 

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फडणवीस सरकार ने बिल को दी मंजूरी (फोटो-ट्वीटर)
फडणवीस सरकार ने बिल को दी मंजूरी (फोटो-ट्वीटर)

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महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण को लेकर राज्य की देवेंद्र फडणवीस सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. दरअसल, रविवार को फडणवीस कैबिनेट ने मराठा आरक्षण के लिए बिल को मंजूरी दे दी. इसके साथ ही अब राज्य में मराठा आरक्षण का रास्ता साफ हो गया है.

सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कैबिनेट के फैसले के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि मराठा समाज को आरक्षण देने पर सहमति बन चुकी है. सीएम फडणवीस ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा, 'हमें पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट मिली थी, जिसमें तीन सिफारिशें की गई हैं. मराठा समुदाय को सोशल एंड इकनॉमिक बैकवर्ड कैटेगरी (SEBC) के तहत अलग से आरक्षण दिया जाएगा. हमने पिछड़ा वर्ग आयोग की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया है और इन पर अमल के लिए एक कैबिनेट सब कमिटी बनाई गई है. '

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1980 के दशक से लंबित पड़ी थी मांग

बता दें कि मराठों के आरक्षण की मांग 1980 के दशक से लंबित पड़ी थी. राज्य पिछड़ा आयोग ने 25 विभिन्न मानकों पर मराठों के सामाजिक, शैक्षणिक और आर्थिक आधार पर पिछड़ा होने की जांच की. इसमें से सभी मानकों पर मराठों की स्थिति दयनीय पाई गई. इस दौरान किए गए सर्वे में 43 हजार मराठा परिवारों की स्थिति जानी गई. इसके अलावा जन सुनवाइयों में मिले करीब 2 करोड़ ज्ञापनों का भी अध्ययन किया गया.

हिंसक हो गई थी आरक्षण की मांग

मराठा आरक्षण को लेकर साल 2016 से महाराष्‍ट्र में 58 मार्च निकाले गए. हाल ही में मराठों का उग्र विरोध प्रदर्शन भी देखने को मिला था. यह मामला कोर्ट के सामने लंबित होने से सरकार ने पिछड़े आयोग को मराठा समुदाय की सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक स्थिति जानने की जिम्मेदारी दी थी.

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