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25...60 और 230, मुंबई में 2 महीने के अंदर 25 गुना बढ़े खसरा के केस, 12 की मौत

मुंबई के 7 इलाकों में खसरे के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. ये सभी इलाके मुंबई के स्लम एरिया में हैं. इसमें धारावी, गोवंडी, कुर्ला, माहिम, बांद्रा और माटुंगा हॉटस्पॉट के रूप में उभरे हैं. इससे निपटने के लिए BMC ने मुंबई के अलग-अलग इलाकों में 17 छोटे वैक्सिनेशन केंद्र सेटअप किए हैं. इसके साथ ही हेल्थ वर्कर घर-घर जा कर बच्चों को टीका लगाने का कैंपेन चला रहे हैं.

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मुंबई के कई इलाकों में वैक्सीनेशन सेंटर खोले गए हैं.
मुंबई के कई इलाकों में वैक्सीनेशन सेंटर खोले गए हैं.

महाराष्ट्र के मुंबई में खसरे के मामले बेहद तेजी से बढ़ रहे हैं. पिछले 2 महीने के अंदर देश की आर्थिक राजधानी में 200 से ज्यादा नए केस मिल चुके हैं. हालात बिगड़ते देख अब बृहन्मुंबई म्युनिसिपल कॉरपोरेशन (BMC) भी अलर्ट हो गई है. BMC ने घर-घर जाकर बच्चों को टीका लगाने के लिए जागरूकता अभियान चलाना शुरू कर दिया है.

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मुंबई के 7 इलाकों में खसरे के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. ये सभी इलाके मुंबई के स्लम एरिया में हैं. इसमें धारावी, गोवंडी, कुर्ला, माहिम, बांद्रा और माटुंगा हॉटस्पॉट के रूप में उभरे हैं. इससे निपटने के लिए BMC ने मुंबई के अलग-अलग इलाकों में 17 छोटे वैक्सीनेशन केंद्र सेटअप किए हैं. इसके साथ ही हेल्थ वर्कर घर-घर जा कर बच्चों को टीका लगाने का कैंपेन चला रहे हैं.

मुंबई में खसरे के नए मामलों ने इसलिए भी सरकार के कान खड़ें कर दिए हैं, क्योंकि पिछले दो महीनों के अंदर इसकी तादाद 25 गुना तक बढ़ गई है. सितंबर महीने तक जहां मुंबई में खसरे के 25 केस आए थे, वहीं अक्टूब में पूरे शहर के अंदर ऐसे 60 मामले सामने आ गए थे. इसके बाद पिछले 2 महीनों में 200 से ज्यादा केस मिल चुक हैं. BMC के आंकड़ों के मुताबिक साल 2022 में अब तक मुंबई में खसरे के 233 केस सामने आ चुके हैं. वहीं, अब तक 12 लोगों की इसके चलते हुई है. 

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केंद्र ने रांची (झारखंड), अहमदाबाद (गुजरात) और मलप्पुरम (केरल) में तीन उच्च-स्तरीय बहु-विषयक 3-सदस्यीय टीमों को तैनात करने का निर्णय लिया है. ये टीमें सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों को स्थापित करने में राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरणों की सहायता करेंगी. दरअसल, ये बीमारी तेजी से बच्चों में फैल रही है.

जानकारी के मुताबिक रांची जाने वाली केंद्रीय टीम में राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी), नई दिल्ली और राम मनोहर लोहिया अस्पताल (आरएमएलएच), नई दिल्ली के विशेषज्ञ शामिल हैं. PHO, मुंबई, कलावती सरन चिल्ड्रेन हॉस्पिटल (KSCH), नई दिल्ली और क्षेत्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण कार्यालय (RoHFW), अहमदाबाद के विशेषज्ञ अहमदाबाद जाने वाली केंद्रीय टीम में शामिल होंगे और मलप्पुरम की टीम में RoHFW, तिरुवनंतपुरम, जवाहरलाल इंस्टीट्यूट ऑफ पोस्टग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (JIPMER), पांडिचेरी और लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज (LHMC), नई दिल्ली के विशेषज्ञ शामिल होंगे.

क्या है खसरा?

बता दें कि खसरा एक अत्यधिक संक्रामक बीमारी है, जो खसरा वायरस की वजह से होती है. दरअसल, जब ये वायरस किसी को अपनी चपेट में लेता है तो उसे बुखार, शरीर पर चकत्ते, कान में संक्रमण, दस्त औरन निमोनिया जैसी बिमारियां घेर लेती हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक संक्रमण दस दिनों तक रह सकता है. इस गंभीर बीमारी से कई बच्चों की मौत भी चुकी है.

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4 करोड़ बच्चों मसूम खतरे में

खसरे पर हाल ही में आई विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) और संयुक्त राज्य रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (सीडीसी) कि संयवक्त प्रकाशन रिपोर्ट में सामने आया है कि कोविड-19 महामारी की शुरुआत के बाद से खसरा टीकाकरण कवरेज में लगातार गिरावट आई है. 2021 में, दुनियाभर में लगभग 4 करोड़ बच्चे खसरे के टीके की खुराक से चूक गए. 2.5 करोड़ बच्चों ने अपनी पहली खुराक ही नहीं ली जबकि 1.47 करोड़ बच्चों ने अपनी दूसरी खुराक मिस कर दी. टीकों में यह गिरावट लाखों बच्चों को संक्रमण के प्रति संवेदनशील बनाती है.

2021 में आए 90 लाख केस

2021 में, दुनिया भर में खसरे के अनुमानित 90 लाख मामले सामने आए और 128000 मौतें हुईं. 22 देशों ने बड़े और भयंकर प्रकोप का सामना किया. टीके के कवरेज में कमी, खसरे की निगरानी में कमी, ​​और COVID-19 के साथ-साथ 2022 में लगातार बड़े प्रकोपों ​​​​के कारण टीकाकरण में रुकावट और देरी का मतलब है कि दुनिया के हर क्षेत्र में खसरा एक खतरा है. 

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