नरेंद्र मोदी सरकार ने ई-सिगरेट को पूरी तरह से बैन करने का फैसला किया है. मोदी सरकार के फैसले पर महाराष्ट्र कांग्रेस के नेता मिलिंद देवड़ा का कहना है कि तंबाकू सिगरेट या बीड़ी और गुटखा की तुलना में ई-सिगरेट कम हानिकारक है. उनका कहना है कि आज का प्रतिबंध आधा है क्योंकि इससे तंबाकू उत्पादों की मांग में इजाफा हो सकता है.
देवड़ा ने ट्वीट कर कहा कि अगला कदम सभी तंबाकू उत्पादों पर प्रतिबंध के रूप में होना चाहिए. बता दें कि बुधवार को हुई मोदी कैबिनेट की बैठक में ई-सिगरेट को बैन करने का फैसला लिया गया. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि ई-सिगरेट पर बैन का मतलब इसके उत्पादन, आयात-निर्यात, ट्रांसपोर्ट, बिक्री, वितरण और विज्ञापन पर पूर्ण प्रतिबंध है. उन्होंने कहा कि सरकार के नए फैसले से ई-सिगरेट के जरिए धुम्रपान सिख रहे युवाओं पर लगाम लगेगी.
Compared to tobacco cigarettes/bidis & gutka, e-cigarettes are the lesser of two evils. Today’s ban is half-baked in that it could redirect demand towards tobacco products.
Next step - ban ALL tobacco products too. High taxes don’t always work because of inelastic demand
— Milind Deora मिलिंद देवरा (@milinddeora) September 18, 2019
स्वास्थ्य और परिवार विभाग की सचिव प्रीति सुदन ने कहा कि नये नियमों के मुताबिक अगर कोई ई-सिगरेट बेचता है, इंपोर्ट या एक्सपोर्ट करता है तो पहली बार में उसे 1 साल की सजा या 1 लाख का जुर्माना या फिर दोनों हो सकता है, अगर कोई आगे भी ये अपराध करता है तो तो 3 लाख का जुर्माना या फिर 5 साल की सजा या फिर दोनों हो सकता है.
माना जाता है कि ई-सिगरेट के 400 ब्रांड हैं, हालांकि भारत में ई सिगरेट का कोई ब्रांड नहीं बनता है. रिपोर्ट के मुताबिक ई सिगरेट के 150 फ्लेवर बाजार में मिलते हैं. कैबिनेट द्वारा बैन की लिस्ट में ई-हुक्का भी शामिल है.