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मुंबई में मनसे कार्यकर्ताओं की गुंडागर्दी, उत्तर भारतीय फेरीवालों की पिटाई और दुकान में तोड़फोड

गुरुवार की शाम पार्टी कार्यकर्ताओं ने मानखुर्द रेलवे स्टेशन के बाहर एक फेरीवाले की दुकान को तोड़ दिया, जिसके बाद पुलिस ने 11 मनसे के कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया है.

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फाइल फोटो
फाइल फोटो

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मुम्बई में राज ठाकरे की पार्टी मनसे के कार्यकर्ताओं की गुंडागिरी कम होने का नाम नहीं ले रही. गुरुवार की शाम पार्टी कार्यकर्ताओं ने मानखुर्द रेलवे स्टेशन के बाहर एक फेरीवाले की दुकान को तोड़ दिया, जिसके बाद पुलिस ने 11 मनसे के कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया है.

गुरुवार की शाम मनसे के कार्यकर्ताओं में मानखुर्द रेलवे स्टेशन के बाहर बैठे एक नारियल वाले की दुकान पर हमला बोल दिया और उसमें तोड़फोड़ की, इस घटना के बाद ट्रोम्बे पुलिस ने 11 मनसे कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया है.

राज ठाकरे की पार्टी महाराष्ट्र नव निर्माण सेना के कार्यकर्ताओं ने रेलवे स्टेशन के परिसर के पास बैठने वाले फेरीवालों के साथ मारपीट किया, जिसके बाद पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची. सभी गिरफ्तार कार्यकर्ताओं को दंगा फैलाने के लिए IPC की धारा 143,144,145,147,148 का मामला दर्ज कर लिया है और शुक्रवार को उन सभी को कुर्ला कोर्ट में पेश किया जाएगा.

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हालांकि शिकायतकर्ता का कहना है कि वह इन लोगों के खिलाफ कोई केस नही करना चाहता था, पुलिस ने ज़बरदस्ती केस दर्ज करवाया है. आपको बता दें कि एलिफिस्टन भगदड़ हादसे के बाद राज ठाकरे ने रेलवे को 15 दिनों में हॉकर्स हटाने की धमकी देते हुए कहा था कि ऐसा नहीं हुआ तो उनके कार्यकर्ता हटाएंगे.

ट्रोम्बे पुलिस स्टेशन के बाहर खड़े मनसे के कार्यकर्ताओं ने इस घटना की ज़िम्मेदारी लेते हुए कहा ही राज ठाकरे ने साफ तौर पर 15 दिनों में इन हॉकर्स को हटाने के लिए कहा था, बाबजूद इसके रेलवे और सिटी पुलिस इसे हटाने में नाकाम रही, इसलिए हम लोगों ने इसे अपने स्टाइल में हटाया. उन्होंने साथ ही मुम्बई पुलिस को धमकी दे डाला कि 2 दिनों बाद दूसरे रेलवे स्टेशन के बाहर भी बैठे हॉकर्स को हटाएंगे, क्योंकि ये आदेश राज ठाकरे के हैं.

देर शाम 8 बजे के करीब एमएनएस कार्यकर्ताओं ने कानून अपने हाथ में लेकर फेरीवालों के साथ मारपीट की. खासकर उत्तर भारत के फेरीवालों की पिटाई के बाद उनका सामान भी फेंक दिया.

इससे पहले 5 अक्टूबर को मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने एक संताप मोर्चा का आयोजन किया था. इस आयोजन में उन्होंने बीएमसी और रेलवे प्रशासन को 15 दिनों के अंदर फेरीवालों पर कार्रवाई करने का अल्टीमेटम दिया था.

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