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महाराष्ट्र में मरीजों की मुसीबत, सामूहिक अवकाश पर गए रेजीडेंट डॉक्टर

रेजीडेंट डॉक्टरों ने ये कदम अपने सहकर्मियों पर धुले, नासिक और सायन में हुए हमलों के बाद उठाया है. अपनी छुट्टी की अर्जी में डॉक्टरों ने कहा है कि वो ऐसे हालात में काम नहीं कर सकते जिनमें उनकी जान को खतरा हो. फिलहाल मुंबई के बड़े अस्पतालों के 75 फीसदी से ज्यादा रेजीडेंट डॉक्टरकाम पर नहीं हैं.

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रविवार को सायन अस्पताल में हुआ था रेजीडेंट डॉक्टर पर हमला
रविवार को सायन अस्पताल में हुआ था रेजीडेंट डॉक्टर पर हमला

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मुंबई समेत महाराष्ट्र के कई हिस्सों में आज सरकारी अस्पताल के मरीजों की दिक्कत बढ़ सकती है. ऐसा इसलिए क्योंकि प्रदेश के ज्यादातर रेजीडेंट डॉक्टरों ने रविवार शाम से सामूहिक अवकाश पर जाने का फैसला किया है.

सामूहिक अवकाश की नौबत क्यों?
रेजीडेंट डॉक्टरों ने ये कदम अपने सहकर्मियों पर धुले, नासिक और सायन में हुए हमलों के बाद उठाया है. अपनी छुट्टी की अर्जी में डॉक्टरों ने कहा है कि वो ऐसे हालात में काम नहीं कर सकते जिनमें उनकी जान को खतरा हो. फिलहाल मुंबई के बड़े अस्पतालों के 75 फीसदी से ज्यादा रेजीडेंट डॉक्टरकाम पर नहीं हैं.

सायन अस्पताल की घटना
रेजीडेंट डॉक्टरों के सब्र का बांध शनिवार की रात के बाद टूटा जब सायन के एक अस्पताल में उनके एक साथी पर जानलेवा हमला हुआ. हमला कुछ लोगों ने अपने रिश्तेदार की मौत के बाद किया. इसमें डॉक्टर रोहित कुमार को गंभीर चोटें आई थीं. इसके बाद अस्पताल प्रशासन ने डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए नियम कड़े करने का भरोसा दिलाया है.

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हड़ताल की इजाजत नहीं
मुंबई हाईकोर्ट के एक आदेश के मुताबिक महाराष्ट्र के रेजीडेंट डॉक्टर हड़ताल का आह्वान नहीं कर सकते हैं. यही वजह है कि उन्होंने विरोध जताने के लिए सामूहिक अवकाश का रास्ता चुना है.


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