जब से शिवसेना ने औरंगाबाद का नाम बदलकर संभाजीनगर करने की बात कही है, तब से ही राज्य में राजनीतिक बयानों की बाढ़ सी आ गई. शिवसेना ने अपने पार्टी मुखपत्र सामना से भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि विपक्ष का आचरण राज्य के लिए चिंता का विषय है. उसे ये सिखाने की जरूरत है कि जिम्मेदारी को कैसे निभाया जाता है, इसके बाद भाजपा ने औरंगाबाद का नाम बदलने के मुद्दे पर मुख्यमंत्री ठाकरे पर हमला बोला है.
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भाजपा नेता किरीट सोमैया ने कहा है कि क्या मुख्यमंत्री अपने हिन्दुत्ववादी रवैये पर टिके रहेंगे, चूंकि कई जगहों से उनका विरोध शुरू हो चुका है. सोमैया ने पूछा है कि क्या उद्धव ठाकरे बाला साहब ठाकरे के शब्दों पर टिके रहेंगे या अपनी सहयोगी पार्टियों के दबाव में पीछे हट जाएंगे. किरीट सोमैया ने ट्विटर पर अपनी एक विडियो शेयर करते हुए कहा है. 'कांग्रेस के बाद अब समाजवादी पार्टी भी कह रही है कि 'औरंगजेब'..... औरंगाबाद का नाम संभाजीनगर नहीं होने देंगे. अब उद्धव ठाकरे जी को तय करना है कि उनकी पार्टी हिन्दू ह्रदय सम्राट को मानती है या शिवसेना का भगवा अब हरा हो गया है.' आप इस ट्वीट और वीडियो को यहां भी देख सकते हैं-
After #Congress now Samajwadi Party says "Aurangazeb".... #Aurangabad . Now CM #UddhavThackeray has to decide they believes "HinduHruday Samrat" or
— Kirit Somaiya (@KiritSomaiya) January 4, 2021
" #Shivsena ka Bhagva ab Hara Ho Gaya Hai" @BJP4India @BJP4Maharashtra @Dev_Fadnavis @ChDadaPatil pic.twitter.com/IYx4vlwYXT
बीते दिनों रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया के प्रमुख और भाजपा के सहयोगी रामदास अठावले ने बयान दिया कि उनकी पार्टी औरंगाबाद के नाम बदलने के फैसले के खिलाफ है, इसके बाद अब समाजवादी पार्टी ने भी शिवसेना के इस फैसले का विरोध करते हुए कहा है कि ये केवल वोट बैंक की राजनीति के लिए ये किया जा रहा है.
इस बीच शिवसेना ने कहा है कि इस मसले पर गठबंधन में कोई दरार नहीं है, जो भी मामला होगा उसे बातचीत से निपटा लिया जाएगा. हालांकि कांग्रेस महाराष्ट्र के नेता बाला साहेब थोराट शिवसेना के फैसले से खुश नजर नहीं आ रहे, उन्होंने इस मुद्दे पर खुलकर कहा है कि ये मुद्दा गठबन्धन के कॉमन लक्ष्य में शामिल नहीं था. वे इस तरह के कदम का विरोध करेंगे.