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'जख्म अब भी ताजे हैं, चीखें नहीं भूल सकता..' 26/11 के पीड़ित कुरैशी ने की तहव्वुर के लिए फांसी की मांग

26/11 के आतंकी हमलों की भयावहता और दर्द आज भी लोगों के बीच ताजा हैं. खासकर वो जो इस हमले से सीधे तौर पर प्रभावित हुए. हमले में अकोला के अब्दुल सलाम कुरैशी घायल हो गए थे. अब उन्होंने न्यायपालिका से तहव्वुर राणा को कठोरतम सजा देने की अपील की है. अब्दुल ने अजमल कसाब की तरह फांसी देने की मांग की है.

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26/11 हमले का मास्टरमाइंड तहव्वूर राणा
26/11 हमले का मास्टरमाइंड तहव्वूर राणा

26/11 के आतंकी हमले ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था, और इस भयावह घटना के जख्म आज भी ताजे हैं. हमले के मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा को अमेरिका से भारत प्रत्यर्पित कर लिया गया है. इस आतंकी हमले में छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस पर अब्दुल सलाम कुरैशी घायल हो गए थे. अब तहव्वुर के भारत आ जाने पर उनका दर्द फिर से ताजा हो गया है.

26/11 हमले में घायल हुए थे अकोला के अब्दुल सलाम कुरैशी

अकोला के अब्दुल सलाम कुरैशी 26/11 हमले में जख्मी हुए थे. इस हमले के मुख्य मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा को भारत ने अपनी हिरासत में ले लिया है. इसके बाद, इस हमले में जख्मी हुए अकोला के कुरैशी ने कहा कि जैसे अजमल कसाब को फांसी की सजा दी गई, वैसे ही राणा को भी फांसी की सजा दी जानी चाहिए.

26/11 हमले का मास्टरमाइंड तहव्वूर राणा भारत प्रत्यर्पित, अब्दुल कलाम कुरैशी की यादें फिर हुईं ताजा

मुंबई पर हुए 26/11 के आतंकी हमले के मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा को अमेरिका से भारत लाया गया है. उसके प्रत्यर्पण के बाद देशभर में इस भयावह हमले की यादें फिर ताजा हो गई हैं. इस हमले में घायल हुए अकोला जिले के खिड़कीपुरा निवासी अब्दुल कलाम कुरैशी भी आज इस खबर से भावुक हो उठे.

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गोली कंधे पर लगी, 22 दिन चला इलाज

अब्दुल कलाम कुरैशी, जो हमले के समय मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (CST) पर मजदूरी के लिए मौजूद थे, हमले में घायल हो गए थे. उन्हें कंधे पर गोली लगी थी और 22 दिन तक मुंबई के जे.जे. अस्पताल में उनका इलाज चला. चिकित्सकों ने उस समय बताया था कि गोली को शरीर से निकालना खतरे से खाली नहीं है, इसलिए उसे वहीं रहने दिया गया. लेकिन चौंकाने वाली बात यह रही कि ढाई साल बाद वही गोली उनके शरीर से मुंह के रास्ते अपने-आप बाहर आ गई.

कसाब की तरह राणा को भी मिले फांसी की सजा: पीड़ित कुरैशी

अब तहव्वुर राणा के भारत प्रत्यर्पण पर कुरैशी ने कहा कि जैसे अजमल कसाब को फांसी दी गई, वैसे ही इस हमले के मास्टरमाइंड राणा को भी कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए. उन्होंने न्यायपालिका से मांग की है कि उन ज़ख्मों को न्याय के मरहम से भरने का काम किया जाए.

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राणा जैसे आतंकियों को फांसी ही देश के जख्मों का जवाब हो सकता है: पीड़ित कुरैशी

अब्दुल कलाम कुरैशी ने आजतक संवाददाता धनंजय साबले से बातचीत में बताया कि आज भी उस दिन की चीखें, गोलियों की आवाज और अफरा-तफरी उनके जेहन में जिंदा हैं. उन्होंने कहा, 'राणा जैसे आतंकियों को फांसी ही देश के जख्मों का जवाब हो सकता है'.

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