कोरोना वैक्सीन के सकारात्मक नतीजों के साथ ही जिंदगी भी धीरे-धीरे पूरी तरह ट्रैक पर आ रही है. लेकिन कोरोना नियमों की सख्ती कई जगह बड़ी मुसीबत भी बन रही है. मुंबई के छत्रपति शिवाजी इंटरनेशनल एयरपोर्ट का हाल भी कुछ ऐसा ही है जहां कोरोना निगेटिव रिपोर्ट को लेकर काफी हलचल बनी है.
दरअसल, महाराष्ट्र सरकार ने दो हफ्ते पहले ही ये नियम बनाया है कि दिल्ली, गोवा, राजस्थान और गुजरात से आने वाले यात्रियों को कोरोना की निगेटिव रिपोर्ट दिखाना अनिवार्य है. ऐसे यात्रियों को RT-PCR टेस्ट कराना होता है. जो यात्री पहले से कोरोना टेस्ट नहीं करा पाते हैं उन्हें मुंबई एयरपोर्ट पर ही टेस्ट कराना होता है.
मगर, इस पूरी प्रक्रिया में यात्रियों को काफी परेशानी भी हो रही है. कुछ लोगों को कंफ्यूजन है तो कोई लंबी कतारों और सोशल डिस्टेंसिंग की अवहेलना की शिकायतें कर रहा है. टेस्टिंग टीम में सीमित लोगों की संख्या भी एयरपोर्ट पर यात्रियों के लिए परेशानी का सबब बन रही है.
ये है टेस्ट की प्रक्रिया
इसके अलावा अगर कोई यात्री एयरपोर्ट पर ही कोरोना टेस्ट कराता है तो उसे अपना आधार कार्ड और फोटो भी जमा कराना पड़ता है. इसके साथ ही उस जगह की भी जानकारी देनी पड़ती है जहां संबंधित यात्री का ठिकाना है. इसके बाद ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करना होता है, फिर टोकन नंबर मिलता है. टोकन के बाद हर यात्री को अपनी बारी का इंतजार करना पड़ता है. नंबर आने में कई बार 6-7 घंटे तक का वक्त भी लग जाता है.
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हालांकि, सैंपल लेने के बाद यात्रियों को एयरपोर्ट से जाने की इजाजत दे दी जाती है. अगर इनमें से किसी यात्री की रिपोर्ट पॉजिटिव आ जाती है तो फिर उनसे क्वारनटीन होने की अपील की जाती है. अगर कोई शख्स अपने घर या ठिकाने की गलत जानकारी देता है तो ऐसे लोगों पर महामारी कानून के तहत आवश्यक कार्रवाई भी की जाती है. लेकिन इससे पहले की पूरी प्रक्रिया में यात्रियों का काफी टाइम लग जाता है, जिसके चलते कई बार अथॉरिटी के साथ उनकी कहासुनी भी हो जाती है.
एयरपोर्ट पर टेस्टिंग की जिम्मेदारी संभाल रहे सुशांत किनरा ने बताया कि उन्हें कई तरह की समस्याएं आ रही हैं, लेकिन वो एयरपोर्ट अथॉरिटी के साथ मिलकर इन समस्याओं को दूर करने की कोशिश कर रहे हैं.
वहीं, छत्रपति शिवाजी एयरपोर्ट अथॉरिटी की तरफ से कहा गया है कि सभी को कोरोना गाइडलाइंस की जानकारी है और उन्हीं यात्रियों के टेस्ट किए जाते हैं जो अपनी रिपोर्ट जमा नहीं करा पाते हैं. अथॉरिटी की तरफ से बताया गया है कि हर दिन ऐसे कई यात्री होते हैं जो टेस्ट का विरोध करते हैं और माहौल बिगाड़ते हैं. इस तरह के यात्रियों को बीएमसी अधिकारी और सुरक्षाकर्मियों की मदद से समझा लिया जाता है.