एंटीलिया केस में पुलिस अफसर सचिन वाजे की गिरफ्तारी पर बवाल जारी है. शिवसेना का कहना है कि राज्य की पुलिस इस मामले की जांच करने में सक्षम थी, लेकिन केंद्र सरकार द्वारा भेजे गए एनआईए ने सचिन वाजे को गिरफ्तार करके केवल महाराष्ट्र पुलिस का अपमान किया है, जबकि बीजेपी ने शिवसेना के आरोप पर पलटवार किया है.
शिवसेना का कहना है कि राज्य सरकार ने स्थिति की गंभीरता को समझते हुए मामला एटीएस (आतंकवाद-रोधी दस्ते) को सौंप दिया था, इसकी जांच जारी थी; एनआईए को जांच के लिए भेजकर केंद्र सरकार ने मामले में हस्तक्षेप किया. शिवसेना ने कहा कि इस मामले में एनआईए को इतनी जल्दी भेजने की जरूरत नहीं थी.
शिवसेना ने कहा कि सचिन वाजे की तत्काल गिरफ्तारी ने भाजपा को खुश कर दिया है. शिवसेना ने आरोप लगाया कि सरकार को अस्थिर करने, झूठे मामले बनाने और राज्य सरकार के अधिकारों पर अतिक्रमण करने के लिए विभिन्न प्रयास किए जा रहे हैं. शिवसेना ने मुखपत्र के माध्यम से कहा कि केंद्र ने चयनात्मक कार्रवाई दृष्टिकोण अपनाया है.
शिवसेना ने कहा, 'सुशांत मामले में मुंबई पुलिस ने एक शानदार जांच की, फिर भी केंद्र ने इस मामले में सीबीआई को लगा दिया, सीबीआई ने क्या किया? वे हाथ मलते रहे. कंगना रनौत ने गैरकानूनी काम किया, फिर भी केंद्र सरकार और भाजपा के लोग उनके साथ खड़े रहे, जब एटीएस एंटीलिया केस की जांच कर रही है तो एनआईए इसमें कूद पड़ा.'
शिवसेना ने कहा, 'यह अभी भी एक रहस्य है कि कैसे पुलवामा के अंदर विस्फोटक पहुंचा और विस्फोट में हमारे चालीस सैनिक कैसे मारे गए? बिहार-नेपाल सीमा पर हथियारों, विस्फोटकों की आवाजाही जारी है. मणिपुर-म्यांमार सीमा पर स्थिति इस मोर्चे पर गंभीर बनी हुई है, लेकिन एनआईए वहां नहीं गई, वे केवल जिलेटिन की छड़ें सूंघ सकते थे.'
मुंबई पुलिस की तारीफ करते हुए शिवसेना का कहना है कि यह मुंबई पुलिस ही थी जिसने मुंबई बम विस्फोट मामले के मुख्य आरोपी को फांसी तक पहुंचाया, इसी तरह यह मुंबई-महाराष्ट्र पुलिस टीम थी, जिसने '26 / 11 'आतंकवादी हमले में आतंकवादी कसाब को पकड़ा और फांसी दी.
शिवसेना आगे कहती है कि अगर सचिन वाजे ने कोई गलती की थी, तो मुंबई पुलिस और एंटी टेररिज्म स्क्वाड उसके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई करने में सक्षम था, लेकिन केंद्रीय जांच दल ने ऐसा नहीं होने दिया, एनआईए ने वाजे को गिरफ्तार करके महाराष्ट्र पुलिस टीम का अपमान किया है.
बीजेपी ने किया पलटवार
वहीं, इस मामले में बीजेपी नेता राम कदम ने कहा कि सचिन वाजे के वकील के रूप में उसका बचाव करने वाली शिवसेना , महाराष्ट्र आघाडी सरकार (एमवीए) के अन्य दो दलों की नाराजगी का कारण बन चुकी हैं, एमवीए में भारी दरार और फुट की वज़ह वाजे बने हैं, वाजे के शिवसेना से क्या रिश्ते हैं? क्या इसकी जांच करने की हिम्मत अनिल देशमुख जुटा पायेंगे?