मुंबई धमाकों के दोषी याकूब मेमन को फांसी लगना अब तय हो गया है. सुप्रीम कोर्ट ने याकूब की क्यूरेटिव याचिका को मंगलवार को खारिज कर दी है, उसे 30 जुलाई को फांसी दी जाएगी. जबकि मेमन के परिवार ने महाराष्ट्र के राज्यपाल के पास फांसी पर रोक के लिए दया याचिका दी है.
गौरतलब है कि आज से तकरीबन 22 साल पहले 12 मार्च 1993 को मुंबई में सीरियल धमाके किए गए थे, जिसमें 257 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 700 लोग घायल हो गए थे. इन धमकों के पीछे अंडरवर्ल्ड सरगना दाऊद इब्राहिम का हाथ था. याकूब मेमन 'डी' कंपनी का सबसे बड़ा सिपहसालार है और यही मुंबई धमाकों का सबसे बड़ा प्लांटर भी है.
सुप्रीम कोर्ट ने 1993 के मुंबई बम विस्फोटों के दोषी याकूब अब्दुल रज्जाक मेमन की याचिका को खारिज करते हुए उसकी फांसी की सजा को बरकरार रखा है. चीफ जस्टिस एचएल दत्तू की अध्यक्षता वाली पीठ ने मेमन की याचिका खारिज की. इस याचिका में मेमन ने मृत्युदंड बरकरार रखने के कोर्ट के पूर्ववर्ती फैसले को चुनौती दी थी.याकूब की सुप्रीम कोर्ट में समीक्षा याचिका और राष्ट्रपति के पास दया याचिका पहले ही खारिज हो चुकी है.
गृह मंत्रालय की एडवाइजरी
इस बीच खबर है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय महाराष्ट्र सरकार को एक एडवाइजरी जारी करने वाली है. इसमें याकूब को फांसी के मद्देनर पुलिस की व्यवस्था और सुरक्षा को लेकर सलाह दी जाएगी. आशंका जताई जा रही है कि याकूब को फांसी के दिन कुछ असामाजिक तत्व पुलिस, प्रशासन के लिए चुनौती बन सकते हैं.
याकूब के रिश्तेदार ने जेल में की मुलाकात
इससे पहले सोमवार को याकूब मेमन के परिवार के एक सदस्य ने उससे मुंबई में उच्च सुरक्षा वाली केंद्रीय जेल में मुलाकात की. याकूब का रिश्ते का भाई उस्मान मेमन एक स्थानीय वकील के साथ सोमवार दोपहर केंद्रीय जेल पहुंचा, जहां याकूब बंद है. याकूब की पत्नी और बेटी समेत अन्य परिजनों के भी उससे मिलने की बात थी लेकिन वे नहीं आए. उस्मान और वकील अनिल गोंडाने ने जेल परिसर के बाहर इंतजार कर रहे मीडियाकर्मियों से बात नहीं की.
मामले में 10 लोग हैं दोषी
साल 1993 के मुंबई के सीरियल बम विस्फोटों के मामले में दाऊद इब्राहिम के साथ प्रमुख साजिशकर्ता मेमन दस दोषियों में शामिल है. मेमन को एक विशेष टाडा अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी. सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने 21 मार्च, 2013 को उसकी मौत की सजा को बरकरार रखा था.
याकूब को इस महीने के आखिर में फांसी दिए जाने की खबरों के बीच महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने पिछले हफ्ते कहा था कि उनकी सरकार इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों का पालन करेगी. अगर याकूब को फांसी दी जाती है तो यह मुंबई में 1993 में हुए विस्फोटों के सिलसिले में पहली सजा होगी.
1993 मुंबई बम धमाकों में 250 से ज्यादा लोग मारे गये थे. इससे पहले मौत की सजा के खिलाफ उसकी अपीलों को शीर्ष अदालत और राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी खारिज कर चुके हैं.