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छोटा राजन को जेल में देखने के लिए भगवान ने जिंदा रखा बोले- गोसलिया जिन पर हुआ था हमला

मुंबई की विशेष सीबीआई अदालत ने अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन को कत्ल की कोशिश के एक मामले में दस साल कैद की सजा सुनाई है. इस मामले के पीड़ित का कहना है कि न्याय के लिए उसे आठ साल का इंतजार करना पड़ा. 

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डॉन छोटा राजन और अजय गोसलिया (फाइल फोटो)
डॉन छोटा राजन और अजय गोसलिया (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • अजय गोसलिया ने​ किया CBI का धन्यवाद 
  • छोटा राजन के इशारे पर हुआ था हमला

मुंबई के एक शॉपिंग मॉल के बाहर अजय गो​सलिया पर 2012 में हुए हमले को लेकर अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन को 10 साल के कठोर कारावास की सजा मिली है. अदालत के इस फैसले पर जहां अजय गोसलिया की खुशी का ठिकाना नहीं है, तो वहीं उसने इस मामले की जांच कर रही सीबीआई का धन्यवाद भी किया है.  

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अजय गोसलिया पर उस समय फायरिंग की गई, जब वह एक मॉल से बाहर निकल रहा था. अज्ञात तीन हमलावर फायरिंग करके फरार हो गए. वहीं गंभीर रूप से घायल अजय गोसलिया को उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां लंबे समय तक चले उपचार के बाद अजय गोसलिया पूरी तरह स्वस्थ होकर अपने घर आ गए, लेकिन न्याय मिलने का बेसब्री से इंतजार था. इंडिया टुडे से खास बातचीत करते हुए अजय गोसलिया ने कहा, “मैं छोटा राजन सहित दोषियों के खिलाफ की गई जांच के लिए सीबीआई का आभारी हूं. मुझे न्याय पाने के लिए आठ साल तक इंतजार करना पड़ा, लेकिन मुझे खुशी है कि आखिरकार दोषियों को 10 साल जेल में बिताने पड़ेंगे.”

अजय गोसलिया ने कहा कि सीबीआई ने जांच बहुत पेशेवर तरीके से की, हालांकि छोटा राजन फायरिंग के समय भारत में नहीं था, सीबीआई ने सबूत जुटाए और उन्हें आपस में जोड़कर पता लगाया कि छोटा राजन के इशारे पर मुझे जाने से मारने की कोशिश की गई थी. अजय ने बताया कि जब मेरे शरीर के ऊपरी हिस्से में गोली लगी, तो मुझे लगा कि मैं नहीं बचूंगा. यह भगवान की इच्छा और उसका चमत्कार था जिसके कारण मैं शायद अपराधियों को जेल के पीछे देखने के लिए बच गया.

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मुंबई के विशेष न्यायाधीश, MCOC कोर्ट ने छोटा राजन उर्फ ​​राजेंद्र सदाशिव निकल्जे सहित अन्य आरोपी कौशिक राजगौर, अरविंद शिंदे, सुनील कुमार उर्फ ​​पीयूष, विलास भारती, प्रकाश उर्फ ​​पक्का और रोहित उर्फ ​​सतीश कालिया को दोषी ठहराते हुए 10 साल के कठोर कारावास की सजा के साथ पांच लाख रुपये के जुर्माने की सजा भी सुनाई है. 

बता दें कि इस मामले में सीबीआई ने 7 अप्रैल 2016 को महाराष्ट्र सरकार के अनुरोध पर मामला दर्ज किया, जिसके बाद इस मामले में सीबीआई ने जांच शुरू कर दी थी. इस मामले में मुंबई के बांगुर नगर पुलिस स्टेशन में तीन अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी.

इस मामले में मुंबई क्राइम ब्रांच ने मकोका कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल कर दिए थे. सीबीआई के प्रवक्ता आरसी जोशी ने बताया कि सीबीआई ने इस मामले की जांच करते हुए सबूत जुटाना शुरू किए, जिसके बाद 15 मार्च, 2018 को विशेष न्यायाधीश, MCOC कोर्ट, मुंबई के समक्ष चार्जशीट दाखिल की. इसके बाद अदालत ने उन्हें दोषी मानते हुए सजा सुनाई. 

 

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