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मुंबई में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है. पिछले 14 दिनों से लापता एक कोरोना संक्रमित मरीज का शव सेवरी अस्पताल के एक शौचालय से मिला है. मृत शख्स की उम्र 27 साल थी और वह टीबी (ट्यूबरक्लोसिस) का मरीज था. बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) ने इस मामले में उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए हैं और वॉर्ड में काम कर रहे अस्पताल के कर्मचारियों को नोटिस जारी किया है.
सूत्रों के मुताबिक, 18 अक्टूबर को अस्पताल के वार्ड बॉय ने नोटिस किया कि एक बंद शौचालय से बदबू आ रही थी. जिसके बाद उसने अस्पताल के स्टाफ को इस बात की जानकारी दी. सूत्रों ने बताया कि उन्हें शौचालय के फ्लोर से डिकंपोज बॉडी मिली थी. जिसके बाद अस्पताल स्टाफ ने पुलिस को फोन कर इस बात की जानकारी दी.
सवाल इस बात को लेकर भी उठाए जा रहे हैं कि मरीज नियमित तौर पर इन शौचालयों का इस्तेमाल कर रहे हैं इसलिए उन्हें दुर्गंध आनी चाहिए थी. अस्पताल प्रशासन के एक स्टाफ ने बताया कि ऐसा लगता है मरीज की मौत नेचुरल कारणों से हुई है. मरीज को टीबी की बीमारी थी और कोरोना पॉजिटिव भी पाया गया था. मरीज के गायब होने की शिकायत 4 अक्टूबर को दर्ज कराई गई थी. ऐसा लगता है कि मरीज जब शौचालय पहुंचा तो उसे सांस लेने संबंधी दिक्कत आई और इसी वजह से उसकी जान चली गई.
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आरएके मार्ग पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ निरीक्षक सुनील सोहोनी ने आजतक से बात करते हुए कहा कि हमलोग अस्पताल के स्टाफ को बुलाएंगे और पूछेंगे कि यह सब कैसे हुआ? हमलोग यह पता लगाएंगे कि अस्पताल के अंदर इतने दिनों तक मृत शरीर पड़ा रहा और किसी को कोई जानकारी नहीं मिली.
भारतीय जनता पार्टी के पूर्व सांसद किरीट सोमैया ने इस मामले को लेकर संबंधित अस्पताल का दौरा किया और वहां वरिष्ठ डॉक्टरों से मुलाकात कर यह जानने की कोशिश की कि आखिर क्या वजह थी कि मरीज का शव 14 दिन तक अस्पताल में पड़ा रहा और अस्पताल प्रशासन को इसकी भनक तक नहीं लगी.
सोमैया ने बाद में पुलिस स्टेशन भी जाकर मामले की छानबीन करने की मांग की. उन्होंने आरोप लगाया कि मरीज 14 दिनों से गायब था लेकिन किसी मेडिकल स्टाफ ने इस संबंध में रिपोर्ट फाइल नहीं की.