scorecardresearch
 

22 हजार करोड़ की धोखाधड़ी मामले में ED ने ओंकार समूह के 10 ठिकानों पर की छापेमारी

ओंकार रियल्टर्स और डेवलपर्स के 10 ठिकानों पर झुग्गी पुनर्वास और विकास योजनाओं की आड़ में किए गए 22000 करोड़ रुपये के धोखाधड़ी के मामले में छापेमारी चल रही है.

Advertisement
X
सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीर
स्टोरी हाइलाइट्स
  • बैंक से लोन लेने का मामला
  • ईडी कर रही है मामले की जांच

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) आज मुंबई में ओंकार समूह के ठिकानों पर छापेमारी कर रहा है. ओंकार रियल्टर्स और डेवलपर्स के 10 ठिकानों पर झुग्गी पुनर्वास और विकास योजनाओं की आड़ में किए गए 22000 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले में छापेमारी चल रही है. यह कंपनी मुंबई के प्रमुख पुनर्विकास परियोजनाओं में शामिल सबसे प्रमुख कंपनियों में से एक है.

Advertisement

ईडी आज ओंकार समूह के अधिकारियों के सात आवासीय परिसरों और कंपनी के तीन कार्यालय परिसर में छापेमारी कर रही है. एजेंसी के अधिकारी मुख्य रूप से बाबूलाल वर्मा और कमल किशोर गुप्ता की जांच करेंगे, जिन्हें ओंकार समूह का क्रमशः प्रबंध निदेशक और अध्यक्ष कहा जाता है.

ईडी के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि समूह पर एसआरए योजनाओं के तहत दी गई विभिन्न अनुमतियों का दुरुपयोग करने का आरोप है. समूह ने यस बैंक से ऋण के माध्यम से लिए गए लगभग 450 करोड़ रुपये भी निकाल लिए. पिछले साल यस बैंक के सह संस्थापक राणा कपूर की गिरफ्तारी के बाद पूरे मामले की जांच ईडी कर रही है.

बॉम्बे उच्च न्यायालय में ओंकार समूह समेत दो कंपनियों के खिलाफ 2019 में एक याचिका दायर की गई थी. आरोप है कि इन दो फर्मों ने झुग्गी निवासियों के नाम पर जाली दस्तावेज बनाए थे और झुग्गी पुनर्वास प्राधिकरण (एसआरए) के साथ मिलीभगत करके LoI हासिल कर लिया. इस LOI के आधार पर दोनों कंपनियों ने उत्तरी पश्चिमी मुंबई के जोगेश्वरी क्षेत्र में पुनर्विकास के लिए यस बैंक सहित विभिन्न बैंकों से लगभग 22000 करोड़ रुपये का लोन ले लिया.

Advertisement

 

Advertisement
Advertisement