मुंबई के घाटकोपर इलाके में 13 मई को होर्डिंग हादसे में 17 लोगों की मौत हो गई थी और कई लोग घायल हो गए थे. जानकारी के मुताबिक स्ट्रक्चरल स्टेबिलिटी सर्टिफिकेट मिलने के 2 महीने पहले से ही होर्डिंग इस्तेमाल में था. पुलिस ने बताया कि इस हादसे के बाद गिरफ्तार किए गए स्ट्रक्चरल इंजीनियर मनोज संघू ने संबंधित विज्ञापन फर्म द्वारा लगाए गए 25 से ज्यादा स्ट्रक्टर के लिए ऐसे स्थिरता प्रमाण-पत्र दिए थे.
क्राइम ब्रांच की जांच के अनुसार मनोज संघू ने पिछले साल 24 अप्रैल को होर्डिंग के लिए स्थिरता प्रमाण-पत्र जारी किया था, जबकि इसे लगाने वाली फर्म ईगो मीडिया प्राइवेट लिमिटेड ने पिछले साल फरवरी से ही इसका इस्तेमाल शुरू कर दिया था.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक संघू ने सर्टिफिकेट जारी करते समय यह सत्यापित नहीं किया कि इसका निर्माण मानदंडों के अनुसार किया गया था या नहीं. साथ ही उन्होंने फर्म के निदेशकों के साथ साजिश रची और गैर-जिम्मेदाराना तरीके से स्थिरता प्रमाण-पत्र जारी किया.
पूछताछ के दौरान आरोपी भावेश भिंडे, जो ईगो मीडिया प्राइवेट लिमिटेड का निदेशक है, उसने पुलिस अधिकारियों को बताया कि उसने और एक अन्य निदेशक जाह्नवी मराठे ने घाटकोपर में विशाल होर्डिंग को खड़ा करने के लिए डिजाइन तैयार करने का काम स्ट्रक्चरल इंजीनियर संघू को दिया था.
पुलिस अधिकारी ने बताया कि जांच के दौरान ये भी पता चला है कि मनोज संघू को 1 जून 2022 से 10 अप्रैल 2024 के बीच विज्ञापन फर्म ईगो मीडिया प्राइवेट लिमिटेड से हर महीने अपने बैंक खाते में एक निश्चित राशि प्राप्त हुई. मुंबई पुलिस ने अब तक इस मामले में 15 से 20 लोगों के बयान दर्ज किए हैं और आने वाले दिनों में बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) और सरकारी रेलवे पुलिस (जीआरपी) के संबंधित अधिकारियों के बयान भी दर्ज किए जाएंगे. बता दें कि 13 मई को धूल भरी आंधी और बेमौसम बारिश के बीच पेट्रोल पंप पर होर्डिंग गिरने से 17 लोगों की मौत हो गई थी और 80 अन्य घायल हो गए थे.