कोरोना संकट से जूझ रहे महाराष्ट्र में शुक्रवार को एक और संकट आया. मुंबई के भांडुप में स्थित एक कोविड अस्पताल में आग लगने के कारण दस लोगों की मौत हो गई है. इस अस्पताल को लेकर कई तरह के सवाल खड़े हो रहे थे. शुक्रवार दोपहर को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने घटना स्थल का दौरा किया और घटना के दोषियों के खिलाफ सख्त एक्शन की बात कही.
अस्पताल को लेकर खड़े हुए सवालों पर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि ये अस्पताल कोरोना काल में तैयार किया गया था, जो कोविड हॉस्पिटल ही था. इस अस्पताल को जो अनुमति मिली थी, उसकी अवधि 31 मार्च को खत्म हो रही थी. लेकिन उससे पहले ही ये भयानक हादसा हो गया.
उद्धव ने कहा कि ये आग अस्पताल में नहीं लगी थी, बल्कि कहीं और लगी थी जो फैलकर अस्पताल तक पहुंच गई. जानकारी के मुताबिक, आग पहले मॉल में लगी थी जिसके बाद अस्पताल में फैल गई.
मुख्यमंत्री ने यहां मुआवजे का भी ऐलान किया, मृतकों के परिजनों को पांच लाख रुपये की सहायता दी जाएगी. उद्धव ने बताया कि जिन लोगों की इस हादसे में मौत हुई है, वो वेंटिलेटर पर थे.
Action will be taken against those who are found responsible. Compensation will be given to families of the deceased. Most of the patients who have died were on the ventilator. I offer my condolences & seek apologies from affected families:Maharashtra CM, on Bhandup fire incident pic.twitter.com/ixQwia2U5o
— ANI (@ANI) March 26, 2021
दस लोगों की गई है जान, बीजेपी ने उठाए थे सवाल
आपको बता दें कि मुंबई के जिस अस्पताल में आग लगी थी, उसमें दस लोगों की मौत हुई है. ये अस्पताल एक मॉल के इलाके में बना हुआ है. इस म़ॉल में ही करीब एक हजार से अधिक दुकानें मौजूद हैं.
इस हादसे को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने भी सरकार पर सवाल खड़े किए थे, बीजेपी के किरीट सौमेया ने कहा था कि अस्पताल को परमीशन नहीं थी, ऐसे में लोगों की जान जाने का जिम्मेदार कौन है.
जब इस अस्पताल में आग लगी, तब यहां 70 से अधिक कोरोना वायरस के मरीज भर्ती थे. हादसे के बाद उन्हें किसी अन्य अस्पताल में शिफ्ट कर दिया गया है.