महाराष्ट्र की राजनीति में नया गुल खिलने लगा है और इसकी महक आने लगी है. मुंबई में गुरुवार को आजतक के कार्यक्रम मुंबई मंथन में बीजेपी की स्वाभाविक सहयोगी पार्टी माने जाने वाली शिवसेना के नेता संजय राउत और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे (मनसे) ने खुलकर इसका इजहार किया है. राउत ने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की लीडरशिप की जमकर सराहना की, तो राज ठाकरे ने कहा कि राहुल गांधी को पप्पू कहने वालों को उनसे डर लगने लगा है.
मुंबई मंथन के बीजेपी बनाम शिवसेना सेशन में राउत ने कहा कि गुजरात में राहुल गांधी को सुनने के लिए भारी भीड़ उमड़ रही है. जनता किसी को भी पप्पू बना सकती है, राहुल गांधी अब पप्पू नहीं हैं. राहुल गांधी क्या बोलता है, क्या करता है. किससे मिलता है. उसमें इस देश की जनता रूचि लेने लगी है. इसका मतलब है कि राहुल गांधी भी इस देश को लीडरशिप दे सकते हैं.
राउत के साथ ही महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के नेता राज ठाकरे ने भी राहुल गांधी की तारीफ की और कहा कि जिस व्यक्ति को बीजेपी पप्पू-पप्पू कहती रही, आज वो गुजरात में झप्पू बन गया है. उनकी रैली में जितने लोग आ रहे हैं. उससे डरकर प्रधानमंत्री आठ-आठ बार नौ-नौ बार गुजरात जा रहे हैं.
ठाकरे ने कहा कि आप इतने सालों तक राहुल गांधी को अपमानित करते रहे और अब वही आदमी गुजरात जा रहा है, तो आपको डर क्यों लग रहा है. उसी आदमी के पीछे हजारों-लाखों लोग खड़ा हो रहे हैं, तो डर क्यों लग रहा है. बीजेपी के इतने मुख्यमंत्री क्यों जा रहे हैं.
हाल के वर्षों में यह पहली बार था जब एक सार्वजनिक मंच से शिवसेना और राज ठाकरे ने कांग्रेस उपाध्यक्ष की खुलकर इतनी तारीफ की है. महाराष्ट्र में बीजेपी के साथ शिवसेना के रिश्ते को देखते हुए संजय राउत का बयान राज्य की सियासत में कारपेट के नीचे होने वाली हलचल की निशानदेही करता है.
यह बात ध्यान रखने वाली है और ऐसी कई सारी खबरें भी आई है कि महाराष्ट्र में बीजेपी विपक्षी पार्टी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के साथ अपनी नजदीकियां बढ़ा रही है. मुंबई मंथन में ही महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने एनसीपी प्रमुख शरद पवार की तारीफ की और कहा कि पवार साहब कभी विकास के खिलाफ नहीं रहे. जाहिर फडणवीस का निशाना शिवसेना और उद्धव ठाकरे थे.
शिवसेना लगातार राज्य सरकार की नीतियों का विरोध करती रही है. एक तरह से कहा जाए तो बीजेपी के साथ सत्ता में रहते हुए शिवसेना राज्य में विपक्ष की भी भूमिका निभा रही है. चाहे वो किसानों का मुद्दा हो या मुंबई में बाढ़ का, शिवसेना बीजेपी और फडणवीस सरकार पर निशाना साधने में कोताही नहीं करती है.
'सरकार के 3 साल' सेशन में देवेंद्र फडणवीस ने एनसीपी के साथ गठबंधन पर तो कुछ नहीं कहा, लेकिन उन्होंने उद्धव ठाकरे को सलाह दे डाली की वो जो कर रहे हैं, उस पर विचार करना चाहिए क्योंकि जनता को यह पसंद नहीं आएगा. बीजेपी सीएम का यह स्पष्ट संदेश था कि उद्धव ठाकरे बीजेपी का जो विरोध कर रहे हैं वो पसंद नहीं आ रहा है.
288 सीटों वाली महाराष्ट्र विधानसभा में बीजेपी के पास 122 सीटें और शिवसेना के पास 63 सीटें हैं. दूसरी ओर कांग्रेस के पास 42 और एनसीपी के पास 41 सीटें हैं. मुंबई मंथन में कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने कांग्रेस और एनसीपी के साथ मिलकर चुनाव लड़ने का आह्वान किया था. महाराष्ट्र में पिछली सरकार एनसीपी और कांग्रेस की थी. ऐसे में शिवसेना का कांग्रेस की तारीफ करना महाराष्ट्र की सियासी बिसात पर उद्धव ठाकरे की चालों का संकेत देता है.
इसी कार्यक्रम में संजय राउत के बयान पर तंज कसते हुए बीजेपी नेता विनोद तावड़े ने कहा कि इन्होंने यूपी चुनाव में भी ऐसी भविष्यवाणी की थी. इस पर राउत ने कहा कि यूपी चुनाव में वो गलत साबित हुई, लेकिन यही गठबंधन इस देश की राजनीति में आगे बढ़ेगा.