दादरा और नगर हवेली के सांसद मोहन डेलकर ने मुंबई के एक होटल में आत्महत्या कर ली थी. डेलकर की आत्महत्या को लेकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. अब महाराष्ट्र कांग्रेस के नेता सचिन सावंत ने उनके आत्महत्या करने को लोकतंत्र के लिए त्रासदी बताते हुए आरोप लगाया कि डेलकर ने पीएम मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला को भी पत्र लिखे, मिलने के लिए समय मांगा लेकिन उन्हें मुलाकात के लिए समय नहीं मिला.
कांग्रेस नेता सचिन सावंत ने कहा कि प्रदेश की महाराष्ट्र विकास अघाड़ी की सरकार मोहन डेलकर की आत्महत्या के मामले की तह तक जाएगी और उनके परिवार को न्याय दिलाएगी. उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेताओं और केंद्रीय अधिकारियों की ओर से उत्पीड़न के कारण एक सांसद का आत्महत्या करना लोकतंत्र के लिए एक त्रासदी है. सावंत ने कहा कि महाराष्ट्र की एमवीए सरकार मोहन डेलकर सुसाइड केस की जांच का हाल हरेन पांड्या केस जैसा नहीं होने देगी.
कांग्रेस नेता ने साथ ही यह भी कहा कि प्रिविलेज कमेटी को यह साफ करना चाहिए कि क्या मोहन डेलकर ने कमेटी के सामने आत्महत्या को लेकर बात की थी? उन्होंने कहा कि 12 फरवरी 2021 को लोकसभा की प्रिविलेज कमेटी ने मोहन डेलकर की शिकायत पर सुनवाई की थी. सात बार के सांसद मोहन डेलकर ने कमेटी के सामने यह बताया था कि वे किस तरह के दबाव में थे. सावंत ने कहा कि सुनने में यह भी आया है कि डेलकर ने कमेटी के सामने कहा था कि उनके पास दो विकल्प हैं. पहला ये कि संसद की सदस्यता से इस्तीफा दे दें और दूसरा ये कि वे सुसाइड कर लें.
सचिन सावंत ने कहा कि प्रिविलेज कमेटी के सामने आत्महत्या की बात कहने के 10 दिन के अंदर ही मोहन डेलकर ने आत्महत्या कर ली. इसे लेकर प्रिविलेज कमेटी को स्पष्टीकरण देना चाहिए. उन्होंने कहा कि बीजेपी नेता प्रफुल्ल खोड़ा पटेल और कई केंद्रीय प्रशासनिक अधिकारियों ने मोहन डेलकर को सताया, उन्हें अपमानित किया.
महाराष्ट्र के कांग्रेस नेता ने दावा किया कि डेलकर ने यह शिकायत की थी कि उन्हें ऐसी आपराधिक घटनाओं में फंसाने की कोशिश की जा रही थी, जिनसे उनका कोई संबंध नहीं था. जिन मामलों में चार्जशीट दायर की जा चुकी थी, उन्हें भी फिर से खोला गया और गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी देते हुए यहां तक कहा गया कि उनके पूरे परिवार को जेल में डाल दिया जाएगा.